Reetha Sahib Gurudwara champawat: अब बस 10 किलोमीटर ही डामरीकरण होना शेष, इस वर्ष 21 मई से होने वाले जोड़ मेले में इस मार्ग से भी रीठा साहिब जा सकेंगे श्रृद्धालु, पहले से आधे समय में पूरा हो जाएगा सफर….
Reetha Sahib Gurudwara champawat
सिख धर्म के पवित्र स्थल एवं मीठे रीठे के लिए प्रसिद्ध रीठा साहिब गुरुद्वारे की यात्रा करने वाले लोगों का सफर अब और भी अधिक आरामदायक और सुगम होने जा रहा है। जी हां… टनकपुर से वाया सूखीढांग-धूरा-डांडा होकर रीठा साहिब का यह सफर अब जहां पहले की अपेक्षा लगभग आधे समय में तय किया जा सकेगा वहीं टनकपुर से रीठा साहिब की दूरी भी महज 85 किमी रह जाएगी। दरअसल सूखीढांग से वाया धूरा-डांडा-रीठा साहिब मोटर मार्ग पर डामरीकरण का कार्य चल रहा है। इस मार्ग में रीठा साहिब से डांडा तक सड़क तो पहले से डामरयुक्त है और अब वर्तमान में सूखीढांग से धूरा-डांडा तक डामरीकरण का कार्य चल रहा है। बताया गया है कि अब इस मोटर मार्ग में लगभग 10 किलोमीटर की दूरी तक ही डामरीकरण होना शेष है, जिसे इस वर्ष होने वाले जोड़ मेले से पहले पूरा कर लिया जाएगा।
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आपको बता दें कि अभी तक रीठा साहिब जाने वाले श्रृद्धालु टनकपुर से वाया चंपावत, लोहाघाट , खेती खान से होकर गुजरने वाले पक्के मार्ग से ही इस पवित्र स्थल तक पहुंचते थे। इस मार्ग से टनकपुर से रीठा साहिब पहुंचने के लिए उन्हें करीब 166 किमी0 की दूरी तय करनी पड़ती थी। अब सूखीढांग से वाया धूरा-डांडा-रीठा साहिब मोटर मार्ग के डामर युक्त हो जाने से उनकी यह दूरी लगभग आधी यानी 85 किमी रह जाएगी। इस संबंध में लोनिवि एई लक्ष्मण सिंह सामंत ने मीडिया को बताया कि अब रीठा साहिब जाने के लिए टनकपुर से एक और पक्का मार्ग सूखीढांग से वाया धूरा-डांडा तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि आगामी 21 मई को होने वाले जोड़ मेले से पूर्व ही मार्ग के शेष 10 किमी हिस्से में डामरीकरण के कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि सिखों के इस प्रमुख धार्मिक स्थल रीठासाहिब में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में संगत देश के विभिन्न हिस्सों से आती है। रतिया और लधिया नदी के संगम पर स्थित इस पवित्र स्थल में प्रतिवर्ष बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर तीन दिवसीय जोड़ मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। इस मेले में उन्हें रीठे का प्रसाद दिया जाता है।
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