Dehradun accident inside story: एक साथ जली पांच दोस्तों की चिताएं, पीछे छोड़ गई कई सवाल
लोगों का कहना है कि घूमने के लिए निकले दोस्तों की इनोवा कार ओएनजीसी चौक के पहले से ही लग्जरी कार के पीछे तेज रफ्तार से दौड़ रही थी। दोनों कारों की रफ्तार इतनी तेज थी कि कार की रफ्तार को काबू करना बेहद मुश्किल था। हालांकि सुनसान राह पर तेज रफ्तार लग्जरी कार तो आगे निकल गई थी लेकिन जैसे ही इनोवा कार ने निकलना चाहा तो तब तक दूसरी ओर से ट्रक आ गया। इनोवा कार चालक को लगा कि वह भी लग्जरी कार की तरह रास्ते को पार कर जाएंगे लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वह ओएनजीसी मार्ग पर हादसे का शिकार हो जाएंगे। कार चालक ट्रक की गति को भांप ना सका और कार ट्रक के पिछले हिस्से से इतनी तेजी से टकराई कि इस टक्कर मे 6 दोस्तों की जिंदगी तबाह हो गई। इतना ही नहीं बल्कि ट्रक से टकराने के बाद भी कार रुकी नहीं बल्कि 60 मीटर आगे एक पेड़ से भी टकराई। बताते चले हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस द्वारा जब ओएनजीसी चौक पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगालने का प्रयास किया जा रहा था तो तब पता चला कि कैमरा खराब है।
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नाजुक हालत मे सड़क पर कैसे निकला कंटेनर:-
बताया जा रहा है कि देहरादून जिले में बीते सोमवार को जिस कंटेनर से इनोवा कार टकराकर हादसे का शिकार हुई थी उसकी हालत इतनी नाजुक थी कि ड्राइवर के साइड का शीशा गायब था। इतना ही नहीं बल्कि कंटेनर पर नंबर प्लेट व रिफ्लेक्टर तक नहीं लगे थे। वही कंटेनर की बॉडी जगह-जगह पर क्षतिग्रस्त हुई थी जिसमे रात्रि में दूर से देखने के लिए लाइट तक नहीं लगी हुई थी। ऐसे में अनुमान जताया जा रहा है कि तेज रफ्तार कार को नजदीक आकर ही कंटेनर दिखाई दिया हो। इतने खराब फिटनेस वाले कंटेनर का संचालन होना परिवहन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
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इन सवालों का जवाब मिलना अभी भी बाकी:-
1) बीच रास्ते पर एकाएक लग्जरी कार का आना कोई षड्यंत्र तो नहीं?
2) कंडम हालत के कंटेनर का सड़क पर दौड़ना कैसे मुमकिन? परिवहन विभाग की बड़ी लापरवाही पर भी उठते हैं सवाल।
3) राजधानी देहरादून के व्यस्ततम चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे की ऐसी हालत सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाती है।
4) ओवरस्पीड में दौड़ती इनोवा कार ने रात के अंधेरे में कितने बैरियर, पुलिस चौकी क्रास की होंगी। क्या पुलिस कर्मियों को कार की स्पीड का पता नहीं चला।
5) हादसे का वास्तविक कारण क्या था? चालक का कार को नियंत्रित ना कर पाना, कार की स्पीड का अंदाजा ना लगा पाना या कहीं कार के ब्रेक किसी कारण से ऐन मौके पर दगा तो नहीं दे गए।
ऐसे और भी बहुत से सवाल है जिनके जबाव जांच के बाद ही सामने आ पाएंगे। बहरहाल एक बार फिर यह बड़ा हादसा लोगों की लापरवाही के साथ ही पुलिस की मुस्तैदी, परिवहन विभाग की नाकामी और देहरादून की सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़े सवाल खड़े करता है।