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Suraj Negi poem
फोटो देवभूमि दर्शन Suraj Negi poem

उत्तराखण्ड

गढ़वाली कविता- “उत्तराखंड लोक संस्कृति……” सूरज नेगी (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)

गढ़वाली कविता- उत्तराखंड लोक संस्कृति….Suraj Negi poem

उत्तराखंड लोक संस्कृति
कन‌ प्यारी लगदी हे मांजी ! उत्तराखंड लोक संस्कृति
छोटा बड़ा भुला भैजी
सभी यनी कहंदा‌
हम छन सभी ऐक हे मांजी
कन प्यारी लगदी हे मांजी!
‌उत्तराखंड लोक संस्कृति
जैक छूं! आपुण संस्कृति निराली‌‌ ‌ पर आज ‌‌सबी विलुप्त
‌होते जाणी‌ लगीयां !
मण्डल छूं गढ़वाल हमरा,
भाषा छूं जैक गढ़वाली
शान छूं जैक निराली
यखी छन सभी देवी
दैवतौ कू वास
कन‌ प्यारी लगदी हे मांजी! उत्तराखंड लोक संस्कृति
रौत्यालां गढ़वाल छोड़ी कू !तै
शहर आंगन मा छन रौण लग्यां!
[मेरी पहाड़ी संस्कृति]
[ मेरी पहचान ]
रचना- सूरज नेगी, चीला कालोनी, हरिद्वार (उत्तराखण्ड)
(Suraj Negi poem)

यह भी पढ़ें- कविता – हम जीना भूल गए……. पूजा नेगी ( काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)

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