akhil pratap singh barabanki school student died heart attack स्कूल पहुंचते ही थम गई मासूम की सांसें: बाराबंकी के अखिल की आखिरी जिद थी सिर्फ 20 रुपये
akhil pratap singh barabanki school student died heart attack : पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से एक दिल को झकझोर देने वाली हृदयविदारक खबर सामने आ रही है जहां सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले 12 वर्षीय अखिल प्रताप सिंह की अचानक हुई मौत ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है। यह हादसा केवल एक बच्चे की जिंदगी नहीं, बल्कि उसके माता-पिता, दोस्तों और पूरे समाज की उम्मीदों का अंत था। बच्चे की मौत का कारण हृदयाघात बताया जा रहा है।
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स्कूल से लौटते समय एक मासूम सपना अधूरा रह गया barabanki student death news today
अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के बिशुनपुर गहरी लोहनिया गांव निवासी अखिल प्रताप सिंह, सेंट एंथनी इंटर कॉलेज बाराबंकी में कक्षा 7 का छात्र था। एक महीने की गर्मी की छुट्टियों के बाद जब बीते 1 जुलाई को स्कूल दोबारा खुला, तो अखिल बेहद उत्साहित था। सुबह-सुबह मां ममता सिंह से उसने मुस्कुराते हुए 10 की जगह 20 रुपये मांगे। बोला — “मम्मी 10 वापस कर दूंगा स्कूल से लौटकर…” मां ने भी हंसते हुए बेटे की बात मान ली और 20 रुपये का नोट उसे थमा दिया। पर उन्हें क्या पता था कि यह उनके बेटे के साथ आखिरी बातचीत होगी।
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स्कूल गेट पर अचानक गिरा मासूम… पिता के सामने तोड़ दिया दम school student barabanki news today
बताया गया है कि अखिल के पिता जितेंद्र प्रताप सिंह खुद बेटे को कार से स्कूल छोड़ने पहुंचे। अखिल स्कूल गेट पर पहुंचा, लेकिन अंदर दाखिल होते ही अचानक जमीन पर गिर पड़ा। पिता उसे गोद में उठाकर मदद के लिए चिल्लाते रहे, लेकिन सब कुछ बहुत देर हो चुका था। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने अखिल को मृत घोषित कर दिया
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20 रुपये का नोट मिला वैसा का वैसा — मां अब भी संभाल नहीं पारी खुद को barabanki latest news today
जब अखिल का स्कूल बैग घर पहुंचा, तो उसमें वो ही 20 रुपये का नोट तह किया हुआ रखा मिला। ममता सिंह, जो खुद एक निजी स्कूल में शिक्षिका हैं, अब भी उस नोट को देखती हैं और फूट-फूट कर रो पड़ती हैं — “मेरा बच्चा तो एक रुपये भी खर्च नहीं कर पाया…” घर में अभी भी बेटे की किताबें, ड्रेस, बैग और टिफिन वैसे ही रखे हैं, जैसे थे। लेकिन अब उन्हें इस्तेमाल करने वाला वो हंसता-खिलखिलाता चेहरा नहीं रहा। अखिल के माता-पिता यह जानने को व्याकुल हैं कि आखिर एक हंसता-खेलता बच्चा कुछ ही पल में कैसे दम तोड़ सकता है।
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ना कोई बीमारी, ना चोट — एक अनुत्तरित सवाल बन गई मौत
परिवार के मुताबिक अखिल पूरी तरह स्वस्थ था। न कोई बीमारी, न ही कोई असामान्य लक्षण। डॉक्टरों की माने तो संभवतः कार्डियक अरेस्ट या अचानक हार्ट फेलियर इसका कारण हो सकता है, लेकिन 12 साल के एक बालक के साथ ऐसा कैसे हुआ — यह सवाल अब भी परिवार और गांववालों को बेचैन कर रहा है। गांव के लोग अब भी यकीन नहीं कर पा रहे कि जो बच्चा रोज हंसते हुए स्कूल जाता था, वो अब कभी नजर नहीं आएगा। स्कूल प्रशासन ने घटना पर दुख जताया है और परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं।
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