Nanda devi raj jat yatra khadu Koti village Chamoli: अगले वर्ष 2026 में होनी है नंदा राजजात यात्रा, चौसिंगा खांडू का हुआ जन्म, मंदिर समिति ने कही महत्वपूर्ण बातें….
Nanda devi raj jat yatra khadu Koti village Chamoli: उत्तराखंड के चमोली जनपद के कर्णप्रयाग विकासखंड के कोटी गांव में चार सींग वाले चौसिंगा (खाडू) अर्थात मेढा ने जन्म लिया है, क्षेत्रवासियों के लिए यह जहां एक बड़ा चमत्कार हैं वहीं इसको लेकर भारी उत्साह भी देखने को मिल रहा है। लोगों का कहना है कि नंदा गौरा राजजात यात्रा 2026 के लिए बेहद शुभ संकेत प्राप्त हुए हैं प्रत्येक 12 वर्ष बाद यह 280 किलोमीटर की धार्मिक पदयात्रा निकाली जाती है जो की मां नंदा देवी के मायके से ससुराल विदाई का प्रतीक है जिससे कुछ समय पहले ही यह खाडू जन्म लेता है।
आपको बता दें कि चार सींग वाला खाडू नंदा देवी राजजात यात्रा में देवी की भेंटों को लेकर यात्रा की अगुवाई करता है, जिससे सोशल मीडिया पर इसे अगुवा बताया जा रहा है। हालांकि, समिति ने कहा है कि जिसे देवी चयन करेगी, वही अगुवा बनेगा।
चौसिंगा खाडू को माना जाता है मां नंदा का देवरथ Nanda devi raj jat yatra khadu Koti village Chamoli:
बताते चलें कि चौसिंगा खाडू को मां का देवरथ माना जाता है और यात्रा के अंतिम पड़ाव में इसे स्वतंत्र कर दिया जाता है जहां यह अकेले हेमकुंड से कैलाश की ओर बादलों में संदेश वाहक बनाकर चला जाता है, यही वो खाडू होता है जो मां नंदा का दूध बनाकर कैलाश में उनके आगमन की सूचना लेकर जाता है।
कोटी क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व वरिष्ठ उप प्रमुख गौतम मिंगवाल ने मीडिया बातचीत में बताया कि करणप्रयाग विकासखंड के कोटी गांव के हरीश लाल के यहां करीब पांच माह पहले चार सींग वाला खाडू पैदा हुआ है। इसे लोग नंदा देवी राजजात यात्रा से जोड़कर देख रहे हैं। कोटी में मां नंदा का मंदिर है और यह गांव हिमालय महाकुंभ श्री नंदा देवी राजजात यात्रा का पांचवा पड़ाव भी है।
इस संबंध में बकरी पालक हरीश और उनके बेटे गौरव का कहना है कि वे 20 सालों से बकरी और भेड़ पालन कर रहे हैं लेकिन आज तक चार सींग का खाडू पैदा नहीं हुआ। अब हुआ है जिसका पता उन्हें दो सप्ताह पहले ही लगा है कि उसके चार सींग हैं। उन्होंने कहा कि यदि समिति चाहे तो वे देवी यात्रा के लिए मेढ़ा को निःशुल्क प्रदान करेंगे।
बसंत पंचमी पर यात्रा कार्यक्रम जारी होने बाद ही होगा अंतिम चयन
वहीं, नंदा देवी राजजात समिति के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुंवर का कहना है कि देवी यात्रा में मेढ़ा का ही नहीं बल्कि हर सामग्री का चयन परंपरा और शास्त्र सम्मत होने पर किया जाता है। वसंत पंचमी पर यात्रा का कार्यक्रम जारी होने और मनौती होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि चार सींग वाले मेढ़े का जन्म शुभ संकेत है। इससे पहले भी चार सींग वाला मेढ़ा मिला जिसका चयन देवी ने किया और परंपरा और शास्त्र सम्मत अग्रदूत बना।