Kailash chandra pandey missing van daroga Bageshwar latest update today: बीते 17 दिन से लापता वन दरोगा का अब तक नहीं चला कोई सुराग, परिजनों ने चेताया—22 जुलाई को करेंगे आत्मदाह
Kailash chandra pandey missing van daroga Bageshwar latest update today: उत्तराखंड के बागेश्वर ज़िले में तैनात वन दरोगा कैलाश चंद्र पांडे की बीते 17 दिनों से कोई खबर नहीं है। बीते 3 जुलाई को अपने घर से कार्यालय के लिए निकले कैलाश पांडे अब तक घर नहीं लौटे हैं। उनके अचानक लापता होने के बाद से उनका परिवार काफी हैरान परेशान है।
आपको बता दें कि उनकी स्कूटी वाहन संख्या UK02B2069 पगना क्षेत्र के सप्तेश्वर के पास लावारिस हालत में मिली, लेकिन वे खुद कहां हैं—इसका जवाब किसी के पास नहीं है। 17 दिन बीतने के बावजूद उनकी खोज का कोई ठोस नतीजा न निकलना परिजनों के धैर्य की अंतिम सीमा को लांघ चुका है। जिस कारण अब परिजनों ने वन विभाग पर खोजबीन में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी है है।
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परेशान परिजनों ने प्रभागीय वन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन Bageshwar missing van daroga kailash pandey
इस संबंध में किसी अनिष्ट की आंशका से चिंतित परिजनों ने बीते शनिवार, 19 जुलाई को प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) ध्रुव सिंह मर्तोलिया को ज्ञापन सौंपते हुए स्पष्ट कर दिया कि यदि 3 दिन के भीतर कैलाश पांडे का कोई पता नहीं चलता है, तो आगामी 22 जुलाई को उनका पूरा परिवार वन विभाग कार्यालय के बाहर सामूहिक आत्मदाह करेगा। परिजनों का आरोप है कि विभाग की ओर से अब तक खोजबीन को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई।
इस संबंध में लापता वन दरोगा की बेटी विद्या पांडे रूंधे हुए गले से कहती है कि—”हमने अपनी तरफ से हर संभव प्रयास किए, लेकिन अब उम्मीदें टूटती नजर आ रही हैं। रोज़ रात उम्मीद लेकर सोते हैं और हर सुबह मायूसी मिलती है। पिता जी बहुत अनुशासित थे, उनका अधिकतर समय कार्यालय में ही बीतता था, लेकिन अब… उनका कोई अता-पता नहीं है।”
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वन विभाग बोला नहीं बरती कोई कोताही, अपनी तरफ से कर रहे पूरा प्रयास
लापता दरोगा के बेटे रुद्र पांडे ने पुलिस से अपील की है कि उनके पिता की स्थिति संदिग्ध और चिंताजनक है, इसलिए हर स्तर पर तलाशी अभियान तेज किया जाए। परिवार अब मानसिक और भावनात्मक रूप से टूट चुका है। रुद्र कहते हैं—”हर बीतता दिन एक डर बनकर गुजरता है। कहीं कुछ अनहोनी तो नहीं हो गई?” इधर, डीएफओ ध्रुव मर्तोलिया ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि परिजनों द्वारा दी गई आत्मदाह की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय पुलिस को सूचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि—“वन विभाग अपने स्तर से खोज में कोई कोताही नहीं बरत रहा है। हम लगातार पुलिस के साथ समन्वय कर रहे हैं।”
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हालांकि परिवार का कहना है कि 3 जुलाई को लापता होने के बाद यदि समय रहते कार्रवाई होती, तो शायद हालात कुछ और होते। अब परिवार खुद को अंधकार में घिरा महसूस कर रहा है। थानों के चक्कर, हर संदिग्ध स्थान की खोज—पर हर बार खाली हाथ लौटना… ये हालात अब असहनीय हो चले हैं। इस संबंध में कैलाश पांडे की बेटी विद्या का कहना है कि पुलिस और वन विभाग से इस बाबत बात करने पर एक ही जवाब मिल रहा हम पूरा प्रयास कर रहे हैं, ढूंढ रहे हैं और लगे हुए हैं। लेकिन वास्तव में यदि उनकी बातों में तनिक भी सच्चाई होती तो आज उनके पिता घर पर उनके साथ होते।
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इस पूरे घटनाक्रम से न सिर्फ पांडे परिवार परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है बल्कि वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हुए हैं। सवाल यह भी है कि एक वरिष्ठ वनकर्मी के गायब होने के बावजूद प्रशासन की कार्रवाई इतनी धीमी क्यों है? परिजनों ने आम जनमानस से भी मदद की गुहार लगाई है। परिजनों के साथ ही देवभूमि दर्शन भी आपसे अपील करता है कि यदि आपको लापता वन दरोगा कैलाश पांडे के विषय में कुछ भी पता चलता है या वे कहीं दिखाई देते हैं तो तुरंत स्थानीय पुलिस अथवा वन विभाग से संपर्क करें। साथ ही इसकी जानकारी इस नंबर पर परिजनों को देने की भी कृपा करें।
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