Dehradun Mushaira poetry conference organized by Ahl-e-Sukhan: अहल-ए-सुख़न के द्वारा आयोजित किया गया कार्यक्रम, शायरों ने लूटी महफ़िल…
Dehradun Mushaira poetry conference organized by Ahl-e-Sukhan: बीते शनिवार को देहरादून स्थित दून मॉर्डन पुस्तकालय के सभागार में अहल-ए-सुख़न द्वारा आयोजित किया गया मुशायरा व कवि सम्मेेलन, कार्यक्रम की अगुवाई तस्मिया अकादमी के संस्थापक डॉक्टर फ़ारूक साहब ने की। शनिवार को आयोजित यह कार्यक्रम अहल-ए-सुख़न के द्वारा आयोजित किया गया था जिसका उद्देश्य शायरी व साहित्य को प्रोत्साहन देना है।
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शादाब मशहदी ने की कार्यक्रम की निज़ामत Dehradun Mushaira poetry conference
शायर मेहमान नदीम अनवर, जावेद आसी, चाँद देवबंदी, नफ़ीस अहमद नफ़ीस, राजवीर सिंह राज़ कार्यक्रम का हिस्सा रहे वहीं शहर के जाने माने शायर इक़बाल अज़र साहब, मोनिका मंत्शा, दर्द गढ़वाली, अफ़सा अजमत भी मौजूद रहे।
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महफ़िल में शायरों ने
कैसा ये हाल इश्क़ में तुमने जनाब कर दिया
लिख कर लबों पे ख़ामशी चेहरा किताब कर दिया
मोनिका मंतशा
मेयार का अंदाज़ा कपड़ों से नहीं होता
हालात के मारों को जाहिल न समझ लेना
नफ़ीस अहमद नफ़ीस
था चाक-चाक जफ़ाओं से दामने-एहसास
तुम्हारा फ़र्ज़ था तुम आते और रफ़ू करते
इक़बाल ‘आज़र’
चराग़ बन के जो दुनिया में जगमगाते हैं
वो अपने घर के अँधेरों से हार जाते हैं
शादाब मशहदी
रह गया हाथ में वो आने से
साँप लिपटे थे उस ख़ज़ाने से
राज कुमार ‘राज’
मेरा उस्ताद कोई एक नहीं
सारी दुनिया सिखा रही है मुझे
इम्तियाज़ कुरैशी
शेर पढ़ कर ख़ूब वाह वाही लूटी।
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कार्यक्रम की रूप रेखा अहल-ए-सुख़न के वरिष्ठ सलाहकार शायर इम्तियाज़ अकबराबादी ने तैयार की। अहल-ए-सुख़न के संस्थापक राज कुमार ‘राज’ ने हमेशा की तरह अपनी टीम के सदस्य गौरव ‘सारथी’, अविरल, हरेन्द्र ‘माँझा’,अनहद व अमन रतूड़ी को इस सफल आयोजन का श्रेय दिया।