mayank vashishth of Augustmuni Rudraprayag became indian army Lieutenant passing out OTA chennai: बीते रोज ओटीए चेन्नई से पासआउट हुए मयंक वशिष्ठ, माता-पिता ने सजाए कंधों पर सितारे
mayank vashishth of Augustmuni Rudraprayag became indian army Lieutenant passing out OTA chennai: देवभूमि उत्तराखंड के होनहार वाशिंदे आज चहुंओर अपनी काबिलियत का परचम लहरा रहे हैं। बात अगर सैन्य क्षेत्रों की ही करें तो वीरता, बहादुरी और सेना में भर्ती होने के जज्बे में वीरभूमि उत्तराखण्ड के युवाओं का कोई सानी नहीं है। आज हम आपको राज्य के एक और ऐसी ही होनहार युवा से रूबरू कराने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के बलबूते भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने का मुकाम हासिल किया है। जी हां… हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के रूद्रप्रयाग जिले के रहने वाले मयंक वशिष्ठ की, जो बीते रोज ओटीए (आफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी) चेन्नई से पासआउट होकर बतौर लेफ्टिनेंट भारतीय सेना में शामिल हो गए हैं।
उनके माता-पिता ने स्वयं बेटे के कंधों पर सितारे सजाकर उसे देशसेवा को समर्पित किया। इस दौरान उनके माता-पिता की चेहरे पर झलकती खुशी जहां बेटे की कामयाबी की दास्तां बयां कर रही थी वहीं गर्व से चौड़ी उनकी छाती देखते ही बनती थी।
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सैन्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं मयंक, पिता बतौर सिपाही कर चुके हैं देशसेवा
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के रूद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि ब्लॉक के डांगी गुनाऊं गांव निवासी मयंक वशिष्ठ भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले मयंक के पिता गिरीश चंद्र वशिष्ठ जहां भारतीय सेना में बतौर सिपाही अपनी सेवाएं दे चुके हैं वहीं उनकी माता सुशीला वशिष्ठ एक कुशल गृहिणी हैं. इतना ही नहीं मयंक की बड़ी बहन नूतन वशिष्ठ भी दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतह कर देश-प्रदेश का नाम रोशन कर चुकी हैं। मयंक की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं उन्हें बधाई देने वालों का तांता भी लगा हुआ है।
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