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Dehradun news: नेपाल में भड़की आग में चली गई देहरादून कारोबारी की पत्नी राजेश की जिंदगी
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dehradun transport business man ramveer Gaula wife rajesh of gajiyabad died in nepal gen-z protest going to pashupatinath Mandir kathmandu uttarakhand news today: देहरादून से काठमांडू पशुपतिनाथ मंदिर दर्शन को गया था दंपति, उपद्रवियों ने लगा दी होटल में आग, पत्नी की गई जिंदगी
dehradun transport business man ramveer Gaula wife rajesh of gajiyabad died in nepal gen-z protest going to pashupatinath Mandir kathmandu uttarakhand news today: पड़ोसी देश नेपाल में जेन-जी जनरेशन -जेड युवाओं का आंदोलन भले ही अब थम गया हों परंतु उनके द्वारा मचाई गई तबाही आगजनी का दंश रह-रहकर बाहर आ रहा है। इसमें न केवल 22 जेन-जी युवाओं की मौत हुई है बल्कि बड़े संख्या में स्थानीय नागरिकों के साथ ही भारतीय पर्यटकों के साथ भी दुखद घटनाएं हुई हैं। इसी दुखद घटना में देहरादून के कारोबारी की पत्नी की जिंदगी चली गई।
बताया गया है कि मृतका अपने कारोबारी पति के साथ काठमांडू स्थित भोलेनाथ के प्रसिद्ध मंदिर पशुपतिनाथ दर्शन करने को गई थी। इसी दौरान उपद्रवियों ने उनके होटल में आग लगा दी, जिसमें मची भगदड़ के कारण महिला की जान चली गई। जबकि कारोबारी पति ने किसी तरह अपनी जान बचाई।
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पशुपतिनाथ दर्शन के बाद होटल में रूका था दंपति, देर रात घटित हुआ दुखद हादसा
अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के नंदग्राम थाना क्षेत्र की मास्टर कॉलोनी निवासी रामवीर सिंह गोला एक टांसपोर्ट कारोबारी हैं। वर्तमान में वह अपने परिवार के साथ देहरादून जिले के ट्रांसपोर्टनगर में रहते हैं और उनकी फर्म अशोक रोडलाइंस देहरादून एवं गाजियाबाद दोनों जगह संचालित होती है। बताया गया है कि बीते 7 सितम्बर को वह अपनी पत्नी राजेश गोला के साथ काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए गए थे।
भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन के बाद दंपति काठमांडू स्थित हयात रेजिडेंसी की चौथी मंजिल कमरे में रूके थे। इसी दौरान बीते 9 सितंबर की रात करीब साढ़े 11 बजे उपद्रवियों ने उनके हयात रेजीडेंसी होटल में आग लगा दी। जिससे मौके पर भगदड़ मच गई। जिससे राजेश चौथी मंजिल से नीचे जमीन पर गिर गई और मौके पर ही उसने दम तोड दिया।
दर-दर भटकता रहा पति नहीं मिली मदद, भारतीय दूतावास ने भी दिया कोरा आश्वासन
हालांकि इस घटना में रामवीर ने किसी तरह मौके से भागकर, छिपते छिपाते अपनी जान बचाई। वह अपनी पत्नी के शव पर भी लगातार नजरें गड़ाए हुए थे। उन्होंने इधर-उधर मदद के लिए गुहार भी लगाई लेकिन धधकते नेपाली अंगारों के आगोश में उनकी चीख-पुकार न जाने कहां समा गई। बीते रोज रामवीर ने अपने बेटे विशाल को घटना की जानकारी दी।
जिसके बाद विशाल ने देहरादून से काठमांडू स्थित दूतावास में फोन कर मदद मांगी लेकिन वहां से भी उन्हें केवल आश्वासन ही मिला। उनके आज या कल पत्नी का शव लेकर देहरादून लौटने की संभावना जताई जा रही है जिसके बाद गाजियाबाद में राजेश का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बताया गया है कि रामवीर बीते कई दशक से देहरादून में रह रहे हैं और वर्ष 1980 से देहरादून में ट्रांसपोर्ट का कारोबार चला रहे हैं।
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