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Nikita Bisht of almora self-employment pirul handicraft product uttarakhand news:
Image : Devbhoomi darshan ( Nikita Bisht pirul self-employment almora)

UTTARAKHAND NEWS

अल्मोड़ा की निकिता बिष्ट ने पिरूल में तलाशा स्वरोजगार बनाती है बेहद खूबसूरत उत्पाद

Nikita Bisht of almora self-employment pirul handicraft product uttarakhand news: अल्मोड़ा की निकिता बिष्ट चीड़ के पत्तो से बना रही उत्पाद, हस्तशिल्प कला का कर रही बेहतर इस्तेमाल, सोशल मीडिया के जरिए मिल रही पहचान…

Nikita Bisht of almora self-employment pirul handicraft product uttarakhand news: उत्तराखंड में अक्सर गर्मियों के दौरान जंगलो मे वनाग्नि की घटनाएं देखी जाती है जिसका मुख्य कारण पीरुल को माना जाता है। इतना ही नहीं बल्कि जंगलों के आग से धधकने के कारण लाखों करोड़ों रुपये तक की वन संपदा को नुकसान पहुंच जाता है। लेकिन इस बात से कुछ लोग ही परिचित होंगे कि पीरुल नुकसान के साथ ही फायदेमंद भी है जिसके जरिए लोगों को स्वरोजगार मिल रहा है। जी हाँ दरअसल पीरुल के माध्यम से अभी तक कई सारे लोगों ना सिर्फ रोजगार मिला है बल्कि वो हस्तशिल्प के क्षेत्र मे भी अपनी पहचान बना रहे है। ऐसी एक हुनरमंद बेटी से हम आज आपको रूबरू कराने जा रहे हैं जो एक से बढ़कर एक बेहद खूबसूरत पीरुल उत्पाद बनाती हैं जी हां हम बात कर रहे हैं अल्मोड़ा जिले की निकिता बिष्ट की जो पीरुल हस्तशिल्प कला की बारिकियों को बखूबी जानती हैं।

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देवभूमि दर्शन से खास बातचीत

देवभूमि दर्शन से खास बातचीत में निकिता बिष्ट ने बताया कि वह अल्मोड़ा जिले के मटेना डीनापानी की रहने वाली है जिन्होंने अपनी मूल शिक्षा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा से प्राप्त की है। इतना ही नहीं बल्कि निकिता ग्रेजुएट है जो हस्तशिल्प कला के क्षेत्र में अपने हुनर को नई पहचान दे रही हैं। निकिता बताती है कि उन्होंने हस्तशिल्प कला के क्षेत्र में प्रशिक्षण छानी गांव से लिया है और इस कला को उन्होंने अपनी मां से सीखा है। जिसके जरिए निकिता हस्तशिल्प कला के क्षेत्र में घर की सजावट और पर्स चाबी के छल्ले जैसे कई सारे उत्पाद बनाती हैं।

निकिता बिष्ट 6 वर्ष से बना रही पीरुल के उत्पाद(Pirul products)

निकिता बताती है कि उन्होंने covid 19 के दौर से पीरुल के उत्पाद बनाने की शुरुआत की थी जिसका कार्य करते-करते उन्हें 6 वर्ष हो गए हैं। निकिता को हस्तशिल्प कला के क्षेत्र में परिजनों का सहयोग पूरी तरह से मिलता है विशेष कर उनके माता-पिता उन्हें बेहद प्रोत्साहित करते हैं। निकिता ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने सिर्फ एक दो लोगों तक ही अपने प्रोडक्ट पहुंचाये हालांकि फिर सोशल मीडिया युटयूब फेसबुक इंस्टाग्राम जैसे विभिन्न प्लेटफार्म से वह अपने प्रोडक्ट पहुंचाने का कार्य कर रही है।

रोजगार का अच्छा साधन बन रहा पीरुल

निकिता का मानना है कि पीरुल के उत्पाद बनाकर इसे रोजगार का अच्छा माध्यम बनाया जा सकता है जिसके कारण नई चीज़ें सीखने को तो मिलती ही है। लेकिन इसके साथ ही घर खर्चे में भी मदद हो जाती है। निकिता का कहना है कि पीरुल से कोई भी उत्पाद बना सकते हैं जिसे आसानी से हर कोई बना सकता है।
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