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Diwakar Bhatt UKD News: नहीं रहे उक्रांद नेता पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट लम्बी बिमारी के बाद निधन
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UKD ex President cabinet minister diwakar Bhatt died death haridwar uttarakhand latest news live today; उत्तराखंड: यूकेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट नहीं रहे, राज्य आंदोलन ने खोया अपना दृढ़ सेनानी
UKD ex President cabinet minister diwakar Bhatt died death haridwar uttarakhand latest news live today; उत्तराखंड की राजनीति से ताल्लुक रखने वाली इस वक्त की सबसे बड़ी एवं बेहद दुखद खबर राज्य के हरिद्वार जिले से सामने आ रही है। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष और राज्य आंदोलन की अग्रिम पंक्ति के नेता, खंडूरी सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट का निधन हो गया। बता दें कि वे लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। शाम करीब 4:30 बजे उन्होंने हरिद्वार स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनके जाने से राजनीति और सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है।
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लंबी बीमारी के बाद घर पर हुआ देहांत, 26 नवंबर को अंतिम संस्कार
अभी तक मिल रही जानकारी के अनुसार दिवाकर भट्ट पिछले कई दिनों से गंभीर रूप से अस्वस्थ थे। इलाज के लिए उन्हें कुछ समय पहले देहरादून के इंद्रेश अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन स्वास्थ्य में सुधार न होने पर चिकित्सकों ने उन्हें घर ले जाने की सलाह दी। शनिवार दोपहर ही उन्हें हरिद्वार लाया गया और कुछ घंटों बाद उनका निधन हो गया। परिवार ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार 26 नवंबर को हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट में किया जाएगा।
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राज्य आंदोलन के प्रमुख योद्धा, ‘फील्ड मार्शल’ की उपाधि ने बनाई अलग पहचान
आपको बता दें कि दिवाकर भट्ट उत्तराखंड राज्य आंदोलन की उस पीढ़ी के नेता थे जिन्होंने अलग राज्य की मांग को शक्ति और दिशा दी। उनके नेतृत्व, संघर्ष और तेज-तर्रार भूमिका को देखते हुए आंदोलनकारियों ने उन्हें सम्मानपूर्वक ‘फील्ड मार्शल’ की उपाधि दी थी। वे यूकेडी के संस्थापक नेताओं में गिने जाते रहे और लंबे समय तक दल का मजबूत चेहरा बने रहे।
यूकेडी से राजनीतिक सफर की शुरुआत, भाजपा सरकार में भी बने कैबिनेट मंत्री
1946 में जन्मे दिवाकर भट्ट युवावस्था से ही जनआंदोलनों से जुड़े रहे। उनका राजनीतिक सफर कई उतार–चढ़ावों के बीच आगे बढ़ा। उनके राजनीतिक करियर का संक्षिप्त क्रम इस प्रकार है—
वर्ष 2002: यूकेडी से देवप्रयाग सीट पर चुनाव लड़ा, हार मिली।
वर्ष 2007: यूकेडी टिकट पर पहली बार विधायक निर्वाचित हुए।
वर्ष 2007–2012: भाजपा नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री बने और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली। यह यूकेडी द्वारा भाजपा को दिए समर्थन का परिणाम था।
वर्ष 2012, 2017, 2022: लगातार तीन विधानसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2022 का चुनाव उन्होंने यूकेडी के टिकट पर लड़ा।
पार्टी में बढ़ते मतभेदों के कारण वे कुछ समय के लिए भाजपा में शामिल हुए, हालांकि बाद में वे फिर यूकेडी की मुख्यधारा में लौट आए।
2017: उन्हें यूकेडी का केंद्रीय अध्यक्ष चुना गया।
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निधन की खबर फैलते ही जुटे समर्थक, शोक की लहर
दिवाकर भट्ट के निधन की जानकारी मिलते ही कार्यकर्ता, समर्थक और पुराने सहयोगी बड़ी संख्या में उनके आवास पहुंचे। उनके पुत्र ललित भट्ट ने पिता के देहांत की पुष्टि की। वरिष्ठ आंदोलनकारियों और राजनीतिक व्यक्तित्वों ने दिवाकर भट्ट को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यूकेडी ने एक सख्त, स्पष्टवादी और ईमानदार नेता खो दिया है। यूकेडी की केंद्रीय मीडिया प्रभारी किरन रावत कश्यप ने कहा कि दिवाकर भट्ट ने राज्य निर्माण के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और संगठन को मजबूत करने में पूरी जिंदगी लगा दी। उनके न रहने से क्षेत्रीय राजनीति में बड़ा रिक्त स्थान पैदा हो गया है।
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