
ऋषिकेश : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू आज उत्तराखंड पहुंच चुके हैं। यहां राज्यपाल केके पॉल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों ने उपराष्ट्रपति का स्वागत किया। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में शिरकत करने यहां आए हैं, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। आपको बता दें कि गुरुवार को गंगा के दोनों तटों पर इस महोत्सव का आगाज हो गया है। मुनिकीरेती के गंगा रिजॉर्ट व पूर्णानंद मैदान में जबकि गंगा के दूसरे तट पर परमार्थ निकेतन में योग महोत्सव आयोजित किया जा रहा है।
क्या कहा योग के विषय में उपराष्ट्रपति ने
उपराष्ट्रपति ने कहा, मेरा सौभाग्य है कि मुझे उत्तराखंड की तीर्थ नगरी ऋषिकेश के गंगा तट पर आने का अवसर मिला है। उपराष्ट्रपति ने परमार्थ निकेतन स्वर्ग आश्रम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया। परमार्थ निकेतन में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में आए साधकों को संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि योग धर्म से नहीं जुड़ा है, हिंदू धर्म नहीं, बल्कि जीवन पद्धति है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि योग का संबंध शरीर मन चित तीनों से है। योग साधक को एकाग्रता और सकारात्मकता का भाव जगाता है। भारत ने अपने एकता और अखंडता के बलबूते समूचे विश्व में शांति का संदेश दिया। उन्होंने कहा भारत एक शांतिप्रिय देश है।उप राष्ट्रपति ने योग के सम्बन्ध में जानकरी देते हुए कहा कि जब योग शरीर में प्रवेश करता है तो रोग स्वत ही बाहर हो जाते हैं। भगवान कृष्ण और गीता को याद करते हुए उन्होंने स्वामी चिदानंद को रोल मॉडल बताया।
ऋषिकेश में एक मार्च से अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव शुरू हो गया है। ऋषिकेश वैसे भी विदेशी शैलानियों के आकर्षण का एक मुख्या केंद्र है , यहां कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी भी योग साधना के लिए पहुंच रहे हैं। योग महोत्सव के चलते ऋषिकेश में हर तरफ योग का खुशनुमा माहौल बना हुआ है।
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