सामाजिक कार्यकर्ता मोहन चंद्र उपाध्याय (Mohan Chandra Upadhyay) के अथक प्रयासों से दशकों बाद स्वास्थ्य केंद्र धौलादेवी (Dhauladevi) को मिली एक्सरे मशीन..
‘कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता,एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों’, इस कहावत को एक बार फिर चरितार्थ कर दिखाया स्वतंत्र पत्रकार एवं युवा समाजिक कार्यकर्ता मोहन चंद्र उपाध्याय (Mohan Chandra Upadhyay) ने। जी हां.. समाजसेवी मोहन चंद्र उपाध्याय द्वारा किए गए अथक प्रयासों से राज्य के पहाड़ी जनपद अल्मोड़ा के धौलादेवी (Dhauladevi) ब्लॉक की आम जनता के लिये इस बार दीपावली विशेष प्रकार की खुशखबरी लेकर आयी। ग्रामीणों की माँग पर दीपावली से एक दिन पहले धनतेरस के दिन करीब 16 साल बाद राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धौलादेवी को आखिरकार एक्सरे मशीन सौंप दी है। दशकों बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरे मशीन लगने की खबर से जहाँ क्षेत्र की आम जनता में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है, वही क्षेत्र के वरिष्ठ समाजिक कार्यकर्ता केशवदत्त जोशी, तारा दत्त शर्मा, गिरीश चंद्र जोशी, अधिवक्ता पूरन सिंह बिष्ट, अधिवक्ता मदन-मोहन पांडेय, रिसर्च स्कॉलर भूवन चंद्र उपाध्याय, दयाल पांडेय जनप्रतिनिधि मधु पांडेय आदि ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। सभी ने सोशल एक्टिविस्ट मोहन चंद्र उपाध्याय के प्रयासों की सराहना करते हुऐ युवा वर्ग को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने हेतु समाजसेवा से जुड़ने की अपील की है।
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एक्सरे मशीन मिलने से ग्रामीणों को होगी अब थोड़ी सहूलियत, एक्सरे के लिए नहीं लगानी पड़ेगी जिला मुख्यालय की दौड़:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहाड़ी ग्रामीण क्षेत्र की अग्रणी सामाजिक संस्था ग्रामीण विकास जन सँघर्ष समिति के कार्यकारी निदेशक,स्वतंत्र पत्रकार और जाने माने युवा समाजसेवी मोहन चंद्र उपाध्याय ने जनहित में सार्वजनिक सुविधा से जुड़े अस्पताल के मामले में लोकशिकायत निवारण के तहत उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्रालय को गुहार लगाई थी। जिसके तहत अल्मोड़ा जिले के धौलादेवी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली और उसके फलस्वरूप क्षेत्र के आम नागरिकों की दुर्गति का पूरा ब्यौरा सौंपकर सीएचसी मानकों के तहत इस स्वास्थ्य केंद्र पर एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, मेडिकल स्टाफ तथा पैथोलॉजी लैब जैसी बुनियादी सुविधाओं की ब्यवस्था के लिए माँग की गयी थी। इस लोक शिकायत पर चार स्तर पर सुनवाई होने के बाद 4 सितम्बर 2020 को स्वास्थ्य विभाग ने इसे स्वीकृति देते हुऐ उच्च स्तर पर मान्य के लिए लिए मंत्रालय के शीर्षतम अधिकारियों को भेजा था। उसके बाद 13 नवम्बर 2020 को विभाग द्वारा एक्सरे मशीन धौलादेवी स्वास्थ्य केंद्र को सौंप दी गयी।
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2004 में हुआ था सीएचसी धौलादेवी का उच्चीकरण, लेकिन आम जनता को अभी तक नहीं मिल पाई टेस्टिंग की सुविधाएं:-
बता दें कि उत्तराखण्ड सरकार ने सन 2004 में धौलादेवी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण की स्वीकृति प्रदान की थी। उसके बाद करोड़ों के भवन निर्माण भी हुये लेकिन 16 साल बीत जाने के बाद भी इस स्वास्थ्य केंद्र में सीएचसी मानक के तहत आम जनता को सामान्य सुविधा तक नही मिल पाई है। बताते चलें कि इस अस्पताल में औसतन 150 से 200 मरीज प्रतिदिन इलाज के लिए आते हैं, जिनमें से अधिकतर को 60-70 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय में एक्सरे,अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी टेस्ट करवाने के लिए जाना पड़ता है। टैस्टिंग असुविधा के कारण पूरे विकासखण्ड की आम जनता लम्बे वक्त से बेहद त्रस्त है। खासकर क्षेत्र के अधिकांश किसान और गरीब वर्ग के लोग इन सामान्य टेस्ट के लिए सुदूर जिला मुख्यालय तक बार-बार नही जा पा रहे हैं। जिसके चलते वह बिना किसी जाँच के गलत दवाईयों का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं। इस स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली का मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक ले जाने वाले समाजसेवी मोहन चंद्र उपाध्याय ने सरकार के इस फैसले से खुशी का इजहार करते हुये उनके द्वारा गुहार लगाई गयीं 3 अन्य माँगों जिसमें अल्ट्रासाउंड मशीन, पैथोलॉजी लैब संचालन और आवश्यक मेडिकल स्टॉफ की तैनाती के लिए भी सरकार से त्वरित समाधान की अपील की है।