भटकते भटकते पहुंची केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी उत्तराखण्ड, आईआईटी के छात्रों को किया पोलिंग बूथ से रूबरू
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी रास्ता भटकीं- केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को थोम्सो कार्यक्रम में शाम छह बजे पहुंचना था।लेकिन केंंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी करीब डेढ़ घंटे की देरी से कार्यक्रम में पहुंची। केंद्रीय मंत्री ने मंच संभालते ही देरी से आने के लिए क्षमा मांगी और इसका कारण बताया। वे निर्धारित समय पर दिल्ली से रुड़की पहुंचने के लिए कार से रवाना हो गई। उत्तराखंड बार्डर पर पहुंचने पर उन्हें उत्तराखंड पुलिस एस्कार्ट नहीं मिली। ऐसे में उनकी गाड़ी अकेले ही आगे बढ़ती चली गई। कुछ दूरी पर पहुंचने पर वे रुड़की आईआईटी का रास्ता भटकने लगी। इस पर उन्होंने गूगल मैप पर आईआईटी रुड़की सर्च करके रास्ते की जानकारी ली। इसके बाद वे मैप के सहारे आगे बढ़ गई। मगर काफी दूर चलने के बाद उन्हें रास्ता भटक जाने का एहसास तो उन्हें हो ही गया था, कुछ देर चलने के बाद रास्ते में उन्होंने एक बुजुर्ग किसान से आईआईटी रुड़की के बारे में पूछा तो किसान ने बताया कि रास्ता सहारनपुर जा रहा है।इसी बीच रास्ते में उन्हें उत्तराखंड पुलिस एस्कार्ट भी मिल गई।पुलिस एस्कार्ट ही उन्हें आईआईटी लेकर पहुंची।
युवाओं को पोलिंग बूथ से कराया रूबरू – केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने आईआईटी के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आपका वोट ही आपका भविष्य है। बेहतर भविष्य के लिए आपको पोलिंग बूथ तक जाना होगा और अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपनी राय रखनी होगी। यह बात केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी आईआईटी के चार दिवसीय युवा महोत्सव थोम्साे-2018 के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित छात्र-छात्राएं उनसे प्रश्न पूछे और वे उनका जवाब देंगी लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि उनसे उनके बीते जीवन के बारे में कोई प्रश्न पूछकर उन्हें परेशानी में नहीं डालें।इस पर एक छात्र ने उनसे पूछा कि हम जैसे पढ़े लिखे लोग वोट डालने क्यों जाएं, हमारा इससे क्या लाभ होगा। इस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि वोट के जरिए आपको अपनी राय रखनी होगी। आपका वोट ही आपका भविष्य है, देश के उज्ज्वल भविष्य और देश की दिशा तय करने के लिए आपको पोलिंग बूथ तक जाना होगा और अपने मताधिकार का प्रयोग करना होगा।
एक छात्र ने पूछ ही दिया बीती जिंदगी से संबंधित सवाल – वैसे तो स्मृति ईरानी ने कार्यक्रम के आरम्भ में ही कह डाला था की बीती जिंदगी से सवाल ना करे लेकिन आईआईटी में जब उन्हें संबोधन के लिए उनकी सीट पर ही माइक दिया गया तो उन्होंने सीट के सामने खड़े होने से परहेज किया और संबोधन डेस्क की ओर बढ़ी। एक छात्र ने सवाल पूछते हुए कहा कि वह उन्हें चार साल की उम्र में भी टीवी पर देखता था। छात्र ने पूछा कि टीवी से राजनीतिक जीवन में कदम कैसे बढ़ाया। इससे सभागार में मौजूद हर व्यक्ति सन्न सा दिखा तथा इस पर केंद्रीय मंत्री ने जवाब देते हुए सबको ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया।उन्होंने कहा कि मैं आभारी हूं कि आपने मेरी उम्र याद दिला दी। इस पर पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उन्होंने कहा कि मुझे टीवी सीरियल पर लोगों ने देखा और बहुत पसंद भी किया । लेकिन मैंने अपने राजनीतिक जीवन से पहले जो सामाजिक कार्य किए, वे कैमरे में नहीं आ सके । इसलिए राजनीतिक यात्रा हमेशा जारी रही हां चुटील अंदाज में चार साल की उम्र से देखने के लिए फिर से आभार व्यक्त जरूर किया ।