हल्द्वानी जागरण उत्सव में दक्ष कार्की ने अपने गीतों से ऐसी समां बांधी की हर कोई झूमने को मजबूर हुआ
अब कह सकते है की स्व. लोकगायक पप्पू कार्की का होनहार पुत्र दक्ष अपने पिता की विरासत को भली-भांति संभाल सकता है, जिस उम्र में बच्चों के खेलने-कूदने के दिन होते हैं उस उम्र में अगर पिता का साया उठ जाएं तो संभलना काफी मुश्किल होता ,है लेकिन दक्ष ने उन दुखों से उभरकर अपने पिता के सपनों को साकार करके दिखाया है। दक्ष ने उनके सपनों को पूरा करने के लिए पहले यूट्यूब से एक छोटा सा सफर शुरू किया, जो धीरे-धीरे बढ़ता गया। अब तो दक्ष उत्तराखंड के बड़े-बड़े मंचों का सफर भी शुरू कर चुका है। इतना ही नहीं उत्तराखंड के साथ ही पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के कई सांस्कृतिक मंचों पर दक्ष ने उत्तरायणी में अपनी शानदार प्रस्तुति के द्वारा लोगों को थिरकने पर मजबूर भी किया है।आज हम आपको दक्ष की एक ओर लाइव विडियो दिखाने जा रहे हैं जिसमें उसने हल्द्वानी के एक बड़े मंच पर अपनी शानदार प्रस्तुति देकर लोगों का दिल जीत लिया। दक्ष का सुपरहिट गीत ‘सुन ले दगड़िया’ शुरू हुआ नहीं कि दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट शुरू हो गई। दक्ष ने कार्यक्रम में अपने पिता के गीतों का ऐसा जलवा बिखेरा कि कार्यक्रम में मौजूद हर कोई दर्शक अपनी जगह पर थिरकने लगे।
हुनरमंद दक्ष कार्की ने इतनी छोटी उम्र में गायिकी की जो बारीकियाँ सिखी हैं वो अपने आप में किसी बड़ी सफलता से कम नहीं हैं। बीती 12 मई को हल्द्वानी में दैनिक जागरण द्वारा कुमाऊं में अपने 15 वर्ष पुरे करने पर आयोजित जागरण उत्सव के कार्यक्रम में दक्ष ने अपने दो सुपरहिट गीतों ‘सुन लें दगडिया बात सुनी जा’.. और उतरैणी कौतिक लागी रो सरयू का बगड़ में... की शानदार प्रस्तुति देकर एक बार फिर दर्शकों के जेहन में लोकगायक स्व. पप्पू कार्की की यादे ताजा कर दी। अपने सुंदर गीतों की प्रस्तुति से ऐसा समां बांधा कि कार्यक्रम में उपस्थित हर कोई अपनी जगह पर झूमने लगा। कार्यक्रम में दर्शक दक्ष के साथ ही प्रसिद्ध लोकगायक गोविंद दिगारी के सुंदर गीतो पर भी खूब झूमे। लोकगायक दिगारी ने घुघुती ना बासा, प्रसिद्ध छबेली गीत लाली हो लाली होसिया एवं चैत की चैत्वाल के साथ ही कई अन्य प्रसिद्ध गीतों की प्रस्तुति से स्टार नाइट में चार चांद लगा दिए।
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