देहरादून: हाल ही में आयी अक्षय कुमार की बॉलीवुड फिल्म पैडमैन महिलाओ के माहवारी की समस्याओ को उजागर करने वाली एक उत्कृष्ट फिल्म बनकर सामने आई जिसमे महिलाओ की इस समस्या से उनको समाज में किस संकीर्ण नजरिये से देखा जाता है, उस पर प्रकाश डाला गया है। सोशल साइट पर अक्षय की इस फिल्म की काफी सराहना हो रही थी इस से समाज में महिलाओ को अपनी निजी समस्याओ के बारे में जागरूक होने में सहायता मिली।
पहाड़ की बेटियों ने शुरू की मुहीम: मूलरूप से उत्तरकाशी निवासी डॉ. पुष्पा नेगी, पेशे से डॉक्टर (बीएएमएस) हैं। उन्होंने सिनर्जी, लाइफलाइन जैसे कई अस्पतालों में काम किया है। इसी प्रकार श्रीनगर की बेटी निवेदिता चमोली, पेशे से फार्मेसिस्ट हैं और एक संस्था से जुड़ी रहीं। इन दोनों की मुलाकात एक संस्था के कार्यक्रम में हुई थी। उन दिनों अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन रिलीज हुई थी। इसी फिल्म से प्रेरणा लेकर डॉ. पुष्पा नेगी और निवेदिता चमोली ने भी ‘पैडवुमैन’ बनने की राह चुनी। इन बेटियों ने अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन से प्रभावित होकर यह शुरुआत की है।
बेटियों ने यह मुहिम महिलाओं को यौन संक्रमण से जुड़ी खतरनाक बीमारियों से बचाने के लिए शुरू की है। इसके अलावा इस काम के जरिये 50 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार से भी जोड़ा है। जैसे की अधिकतर ग्रामीण महिलाओ को यौन संक्रमण से होने वाली भयानक बिमारिओ के बारे में पता नहीं रहता है और इस विषय पर चर्चा करने में भी वो शर्म महसूस करती है।
आज पहाड़ की ये बुलंद बेटियाँ नौकरी छोड़कर सस्ते सेनेटरी नैपकिन बनाकर राजधानी की ‘पैडवुमैन’ बन गई हैं। इसके लिए दोनों ने माही फाउंडेशन के नाम से संस्था बनाई और सस्ते सेनेटरी नैपकिन बनाने की शुरुआत की। इसके अलावा घर-घर जाकर महिलाओं को माहवारी के दौरान कपड़े से होने वाले संक्रमण के प्रति जागरूक करने का काम भी शुरू किया। पुष्पा और निवेदिता ने यह सारा काम अपने बलबूते शुरू किया।
इसके साथ साथ दोनों कॉलोनियों में शिविर लगाकर महिलाओं को जागरूक करतीं और सस्ते सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध करातीं। इस से महिलाओ को रोजगार से जोड़ने के साथ साथ अपनी निजी समस्याओ से निपटने की भी जानकारी देती। अब उनके इस मुहीम में इलाहाबाद की बेटी अल्का शुक्ला अपना पूर्ण योगदान दे रही है, जिस से उनको बहुत सहयोग मिल रहा है।
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