Lakhwar Vyasi Project: लखवाड़ व्यासी जल विद्युत परियोजना के चलते जलमग्न हुआ जौनसार बाबर का लोहारी गांव ग्रामीण बस दूर पहाड़ी से निहारते रहे अपने पैतृक गांव को
देहरादून 120 मेगावाट लखवाड़ व्यासी जल विद्युत परियोजना के चलते जिला प्रशासन द्वारा परियोजना से प्रभावित लोहारी गांव के 90 परिवारों वाले ग्रामीणों को बीते सोमवार को 48 घंटे में गांव खाली करने का नोटिस दे दिया गया था। जहाँ इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश था वहीं पैतृक गांव डूबने का गहरा सदमा भी। बता दे कि कालसी क्षेत्र में सोमवार को 120 मेगावाट क्षमता वाली लखवार व्यासी जल विद्युत परियोजना की झील का जलस्तर बढ़ने के साथ ही लोहारी गांव पूरी तरह जलमग्न हो गया। अपने पैतृक गांव को दूर पहाड़ी पर बैठकर ग्रामीण टकटकी लगाकर देखते रहे। एक छोटी सी बच्ची अपने पैतृक गांव के डूबने की वीडियो और फोटो को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करती हुई भी दिखी जो वाकई में बेहद भावुक कर देने वाला दृश्य है। आखिर झील की गहराइयों में उनके पैतृक गांव की सुनहरी यादें खेत खलियान और संस्कृति भी देखते ही देखते विलुप्त हो गई। (Lakhwar Vyasi Project)
शासन प्रशासन द्वारा गांव के 66 विस्थापित परिवारों को चिन्हित कर मुआवजा बांट दिया गया है। उधर उप जिलाधिकारी सौरभ असवाल का कहना है कि प्रशासन की ओर से विस्थापितों के लिए अन्यत्र रहने की व्यवस्था की गई है लेकिन ग्रामीण वहां नहीं रहना चाहते हैं। अगर बात करें लखवाड़ व्यासी परियोजना की तो वर्ष 2014 में परियोजना को अनुमति मिलने के बाद कार्य शुरू कर दिया गया था और दिसंबर 2021 में निर्माण कार्य पूर्ण कर उसकी कमिश्निंग होनी थी लेकिन कुछ अटकलों के चलते कमिश्निंग में देरी हो गई। बताते चलें कि यह परियोजना 7777.30 करोड़ लागत की है जिसमें डूबने वाले क्षेत्र में सिर्फ लोहारी गांव आ रहा था।