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himanshu singh Bisht poem
फोटो देवभूमि दर्शन himanshu singh Bisht poem

उत्तराखण्ड

कुमाऊंनी कविता- मैं उत्तराखंड छू….. हिमांशु सिंह बिष्ट (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन)

कुमाऊंनी कविता- मैं उत्तराखंड छू…himanshu singh Bisht poem

मैं उत्तराखंड छू
ठंडी हवा ठंडो पाणी, पहाड़ों को राजा छू,
मैं हिम का आंचल ,शिव ज्यू कैलाश छू,
मैं उत्तराखंड छू
गंगोत्री यमुनोत्री, बद्री केदार रक धाम छू,
मैं हर की पैड़ी हरिद्वार, चितई गोल्ज्यू महाराज छू,
मैं उत्तराखंड छू,
कुमाऊनी गढ़वाली जौनसारी, सबुक का पहाड़ छू,
मैं छोटे-छोटे गांव को, प्यारो सो एहसास छू ,
मैं उत्तराखंड छू,
काफल हिसालु, झोई भात छू,
मैं भट की चुटकाणी, गुड वाली चाहा छू,
मैं उत्तराखंड छू,
नैनीताल को ताल, मंसूरी को रानी छू,
मैं देवी देवता की भूमि, देवभूमि छू,
मैं उत्तराखंड छू,
ददा भूली ईजा बाज्यू, को प्यार छू,
मैं आमा बूबू सबूको, आशीर्वाद छू,
मैं उत्तराखंड छू,
रचना- हिमांशु बिष्ट, गांव- पचरूवा पोस्ट ऑफिस- गैरखेत, जिला-अल्मोड़ा, उत्तराखंड
पिन कोड -263658
(himanshu singh Bisht poem)

यह भी पढ़ें- कविता – मां शब्द की क्या ही परिभाषा दूं …….भावना मेहरा (काव्य संकलन देवभूमि दर्शन )

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