हमारे समाज में ऐसे अनेक समाजसेवी लोग रहते हैं जो अपने कार्यों से पूरे समाज में एक मिसाल कायम करने का प्रयास करते हैं। या यूं कहें कि जरूरतमंदों की सेवा करना उनके जेहन में होता है और इसे ही वह अपना परम कर्तव्य मानते हैं। अगर बात केवल अपने राज्य उत्तराखंड की ही करें तो राज्य में भी ऐसे समाजसेवी लोगों की कोई कमी नहीं है, जो मानवता की सेवा करने को ही सर्वश्रेष्ठ धर्म मानते हैं और समय-समय पर इनके द्वारा किए गए विशिष्ट कार्यों ने समाज में एक मिसाल कायम कर बाकी लोगों को भी समाजसेवा के लिए प्रेरित किया है। आज हम आपको राज्य की एक ऐसी ही महिला से रूबरू कराने जा रहे हैं जो अपने क्षेत्र में गरीब परिवार में बेटी पैदा होने पर उसके नाम पर पच्चीस हजार रुपए की एनएससी प्रदान करती है। इतना ही नहीं नवजात के विकलांग होने पर वह उसे भी पच्चीस सौ रुपए प्रदान करती है। जी हां… हम बात कर रहे हैं राज्य के पिथौरागढ़ जिले की जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी भट्ट की, जो अपने इन कार्यों की वजह से सरकार के बेटी-बचाओ, बेटी-पढाओं कार्यक्रम में अपना बहुमूल्य योगदान दे रही है।
क्षेत्र में अपने बेमिशाल कामों से है सुर्खियों में : बता दें कि राज्य के पिथौरागढ जिले की गुरना क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी भट्ट ने एक अनूठी पहल प्रारंभ की है। पूर्व से ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान से जुड़ी जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी अपनी इस पहल के द्वारा सरकार के द्वारा बेटियों के लिए चलाए गए इस अभियान को सार्थक सिद्ध कर रही है। लक्ष्मी जहां एक ओर अपने क्षेत्र में गरीब परिवार में बेटी पैदा होने पर उसके नाम पर पच्चीस हजार रुपए की एनएससी प्रदान करती है वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा नवजात के विकलांग होने पर उसे भी पच्चीस सौ रुपए दिए जाते हैं। लक्ष्मी के द्वारा शुरू की गई इस अनौखी पहल को शुरू करने का कारण गरीब घर में पैदा होने वाली बच्चियों का भविष्य संवारना है। उनके द्वारा नवजात को 25000 रूपए की यह एनएससी नामकरण संस्कार पर प्रदान की जाती है जिससे पहले वह नामकरण संस्कार पर उसके आंगन में एक पौधरोपण का कार्य भी करवाती है। बताते चलें कि इससे पहले भी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को सफल बनाने के लिए कई अन्य उल्लेखनीय कार्य भी कर चुकी हैं। जिसके लिए लक्ष्मी को शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी सहित मुख्यमंत्री एवं सरकार के अन्य मंत्रियों के द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।