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डॉक्टर सृष्टि रावत और गरिमा नेगी के नृत्य में है, उत्तराखण्ड लोक संस्कृति की शानदार झलक



जहाँ उत्तराखण्ड के कई युवा अपने गीतों के माध्यम से यहाँ की लोक संस्कृति को संजोये हुए है , वही अगर पहाड़ी नृत्य कला की बात करे तो हर किसी जुबाँ पर डॉक्टर सृष्टि रावत का नाम जरूर आता है। जिनके नृत्य में उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति साफ़ साफ़ झलकती है। आजकल के फूहड़ नृत्यों से हटकर वो सिर्फ अपने उत्तराखण्ड के परंपरागत गीतों और उत्तराखण्ड के परिधान में ही रूचि रखती है। इतना ही नहीं डॉक्टर सृष्टि रावत इस से पहले पहाड़ी गीत को भी शास्त्रीय नृत्य का रूप दे चुकी है। जिसको सोशल मीडिया और यूट्यूब पर काफी सराहा गया।





यह भी पढ़े-सृष्टि रावत: पेशे से डॉक्टर और डांसिंग का ऐसा हुनर की पहाड़ी गीतों को दे दिया शास्त्रीय नृत्य का रूप
तेरी खुट्यूं माँ लगिन कुतग्यलि में दी प्रस्तुति : दीपक चमोली ने जहाँ इस परंपरागत गढ़वाली लोकगीत को अपनी बेहतरीन आवाज से एक नयापन दिया वही डॉक्टर सृष्टि रावत और गरिमा नेगी ने इस गीत पर अपनी शानदार प्रस्तुति से चार चाँद लगा दिए। सबसे खाश बात तो ये है , सृष्टि रावत जो की पेशे से डॉक्टर (डेंटिस्ट ) हैं , और गरिमा नेगी जो की आईटी इंजीनियर हैं, लेकिन दोनों का पैशन सिर्फ डांसिंग हैं। जैसे की डॉक्टर सृष्टि रावत रुद्रपुर में अपनी डांस अकेडमी ” सम्भवी डांस अकेडमी भी चला रही हैं, जिसमे वो बच्चो को डांस सिखाती हैं , वो क्लिनिक के अलावा अपना समय डांसिंग के रियाज के लिए देती हैं। डॉक्टर सृष्टि रावत मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल की मूल निवासी हैं, और वर्तमान में वो रुद्रपुर जिला उधम सिंह नगर में रहती हैं। उनकी प्राम्भिक शिक्षा दिल्ली से हुई उसके बाद यूपीएमटी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की ,और एचनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीडीएस किया।





देवभूमि दर्शन से खाश बात चित : डॉक्टर सृष्टि रावत देवभूमि दर्शन से बात चित में कहती हैं, की आजकल लोग उत्तराखण्ड के परंपरागत लोकगीतों को भूल रहे हैं , जो की उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को विलुप्त करने में कारगार सिद्ध हो रहा हैं। वो कहती हैं , हमे अपने स्तर पर उत्तराखण्ड की संस्कृति के लिए जरूर कार्य करना चाहिए ताकि हमारी संस्कृति भी अन्य राज्यों की भांति एक विशेष पहचान रखे। डॉक्टर सृष्टि रावत दीपक चमोली के विषय में बताते हुए कहती हैं, की दीपक चमोली उत्तराखण्ड के परंपरागत लोकगीतों पर बहुत मेहनत कर रहे हैं, और वो हमेशा परंपरागत लोकगीतों को ही अपनी आवाज देते हैं।




डॉक्टर सृष्टि रावत के यूट्यूब चैनल सम्भवी कला केंद्र पर उनके अन्य नृत्य की पेशकश आप देख सकते हैं।
सम्भवी कला केंद्र

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