सृष्टि रावत: पेशे से डॉक्टर और डांसिंग का ऐसा हुनर की पहाड़ी गीतों को दे दिया शास्त्रीय नृत्य का रूप
देवभूमि उत्तराखंड में हुनर और कला की कोई कमी नहीं है, इसी का जीता जागता उदाहरण है डॉक्टर सृष्टि रावत, जिन्होने अपनी उत्तराखंड की संस्कृति को एक नए ढंग से प्रस्तुत करने में अपना पूरा योगदान दिया है। डॉक्टर सृष्टि रावत ने उत्तराखंड के गीतों को अपने शास्त्रीय नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया है। डॉक्टर सृष्टि रावत उन्ही चंद लोगो में से हैं जो अपने उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। डॉक्टर सृष्टि रावत पहाड़ से जरूर बाहर अपने करियर के लिए आयी लेकिन आज भी उनका लगाव अपने पहाड़ से इतना ज्यादा हैं की उन्होने अपने पेशन को ही अपने पहाड़ को समर्पित कर दिया।
डॉक्टर सृष्टि रावत की शास्त्रीय नृत्य की झलक देखने से पहले उनके बारे में कुछ जान ले –(देवभूमी दर्शन के साथ हुए एक साक्षात्कार के अनुसार )
प्रारंभिक शिक्षा और मूल निवास- डॉक्टर सृष्टि रावत मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल की मूल निवासी हैं, और वर्तमान में वो रुद्रपुर जिला उधम सिंह नगर में रहती हैं। उनकी प्राम्भिक शिक्षा दिल्ली से हुई उसके बाद यूपीएमटी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की ,और एचनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीडीएस किया। वर्तमान में उनका पूरा परिवार रुद्रपुर में ही रहता हैं।
कहाँ से सीखा डांसिंग– जब उनसे पूछा गया की आपने अपनी डांसिंग कहा से सीखी तो उनका कहना था की उन्हें बचपन से ही डांसिंग का बहुत शोक था और इसके लिए उन्होने किसी प्रकार की कोई ट्रेनिंग और डांसिंग क्लासेस ज्वाइन नहीं की। अपने स्तर पर ही उन्होंने डांसिंग की बारीकियां सीखी।
सम्भवी डांस अकेडमी- डॉक्टर सृष्टि रावत पेशे से जरूर डॉक्टर (डेंटिस्ट ) हैं , लेकिन उनका पेशन सिर्फ डांसिंग ही रहा है। वो रुद्रपुर में अपनी डांस अकेडमी ” सम्भवी डांस अकेडमी” भी चला रही हैं जिसमे वो बच्चो को डांस सिखाती हैं , वो क्लिनिक के अलावा अपना समय डांसिंग के रियाज के लिए देती हैं।
विशेष उपलब्धि- डॉक्टर सृष्टि रावत ने सन 2017 में रुद्रपुर के दिल्ली पब्लिक स्कूल में अमर उजाला के सयोंग से एक डांस प्रतियोगिता आयोजित करवाई थी, जिसके लिए उन्हें उत्तराखंड के तत्कालीन शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडेय द्वारा सम्मानित किया गया था।
डॉक्टर सृष्टि रावत नृत्य कला की ऐसी धनी है जिनके नृत्य की खूबसूरती देखते ही बनती है। शास्त्रीय नृत्य की भी काफी बारीकियां उन्होंने सीखी है जिसकी झलक इस वीडियो मे आप साफ़ देख सकते है। पहाड़ी गीत को शास्त्रीय नृत्य कला शैली में प्रस्तुत करना इतना आसान नहीं है, डॉक्टर सृष्टि रावत की मेहनत इसमें खाशे झलक रही है।
इसे साथ ही एक अन्य पहाड़ी गीत मेरी गाजणा में भी उन्होंने बेहतरीन नृत्य कर खूबसूरत अभिनय किया है।
शास्त्रीय नृत्य के अलावा अन्य पहाड़ी गीतों , देशभक्ति और धर्मिक गीतों में भी उनके टैलेंट की झलक आप उनके यूट्यूब चैनल पर देख सकते है।
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