Uttarakhand Panchayat election symbols : शिकायत के बाद चुनाव चिन्ह आवंटन हुए शुरू लेकिन हाईकोर्ट के आदेश ने बड़ा दी प्रत्याशियों की मुश्किलें..
Uttarakhand Panchayat election symbols allotted : उत्तराखंड में हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी 12 जिलों में पंचायत चुनाव को लेकर लोगों में बेहद उत्सुकता बनी हुई है वहीं कई सारे ग्रामीण इलाकों में निर्विरोध ग्राम प्रधान भी चुने जाने शुरू हो चुके हैं। इसी बीच अगर किसी जीते हुए प्रत्याशी के निकाय और पंचायत चुनाव में दो जगह वोट हुए तो अन्य प्रत्याशी हाई कोर्ट RIT दायर कर सकता है जिसकी शिकायत पर निर्वाचन निरस्त किया जाएगा।
हाईकोर्ट ने चुनाव संपन्न होने के बाद भी सभी प्रत्याशियों और आम मतदाताओं को निर्वाचन याचिका दायर करने का मौका देगा। हालांकि हाई कोर्ट से स्पष्ट आदेश आने के बाद निर्वाचन आयोग अधिसूचना में कोई भी बदलाव नहीं करेगा लेकिन आने वाले समय में हाईकोर्ट का यह फैसला उन विजेता प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बन सकता है जिनके नाम दोनों मतदाता सूची में आए होंगे क्योंकि इसका फैसला पूरी तरह से हाई कोर्ट के हाथ में होगा।
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हाईकोर्ट ने किया 11 जुलाई वाले स्टे ऑर्डर पर स्पष्टीकरण से इंकार, कहा पंचायती एक्ट के अनुसार चुनाव कराए निर्वाचन आयोग
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट ने बीते 11 जुलाई वाले ऑर्डर पर कोई स्पष्टीकरण देने से इंकार करते हुए कहा है कि चुनाव पंचायती एक्ट के तहत नियमानुसार करना निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है। हाईकोर्ट के इस अभूतपूर्व फैसले के बाद अब विरोधी प्रत्याशी, ऐसे उम्मीदवारों के खिलाफ अभी से आपत्ति दर्ज कराने लगे हैं। वहीं चुनाव आयोग ने सभी को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिए हैं जिस पर आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने बताया कि फिलहाल वैध प्रत्याशियों के नामो की सूची को अंतिम रूप दिया जा चुका है जिसके चलते कार्यक्रमों में कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा वहीं चुनाव आगे चल रहा है लेकिन सभी को इलेक्शन पिटिशन फाइल करने का मौका मिलेगा जिस पर निर्वाचन आयोग नियमानुसार कार्यवाही करेगा वही गलती पकड़े जाने पर शासन संस्तुति के बाद प्रत्याशी का चुनाव भी रद्द कर सकता है।
जानें पंचायत चुनाव में कैसे गड़बडा रहे समीकरण
बताते चले पंचायत मतदाता सूची के आधार पर मतदान के अधिकार संबंधी सर्कुलर पर हाई कोर्ट ने रोक लगाई जिसके बाद प्रत्याशियों का चुनावी समीकरण गड़बड़ा गया और अब उन मतदाताओं को गांव तक लाना मुश्किल हो गया है जिनका नाम निकाय की मतदाता सूची में है। इतना ही नहीं बल्कि हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पंचायती राज एक्ट के हिसाब से जिनका नाम निकायों की मतदाता सूची में है उन्हें पंचायत की मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जा सकता है ऐसे में मतदान करने चुनाव लड़ने का सर्कुलर बे बुनियाद है।
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