GarhRatna Narendra Singh Negi:लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों पर एकाग्र पुस्तक ‘कल फिर जब सुबह होगी’ का सीएम धामी ने किया विमोचन, नरेंद्र सिंह नेगी को उत्तराखंड लोक सम्मान से किया गया सम्मानित..
GarhRatna Narendra Singh Negi उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी किसी पहचान के मोहताज नहीं है। उन्हें सिर्फ उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि देश विदेशों में भी उनके गीतों के माध्यम से जाना जाता है। इसी बीच बीते सोमवार 12 अगस्त को नरेंद्र सिंह नेगी का जन्मदिन था। जिसके शुभ अवसर पर नरेंद्र सिंह नेगी के 101 गानों पर आधारित ‘कल फिर जब सुबह होगी’ पुस्तक का विमोचन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नरेंद्र सिंह नेगी को बधाई दी और लोगों को बताया कि उन्होंने अपने गीतों के माध्यम से संस्कृति को बचाया है।
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Singer Narendra Singh Negi songs बता दें बीते सोमवार को उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी का जन्मदिन था जिसके शुभ अवसर पर उनके द्वारा गाए 101 गानों पर आधारित पुस्तक ‘कल फिर जब सुबह होगी’ का विमोचन किया गया। ये पुस्तक कुल 400 पेजो की है जिसे वरिष्ठ साहित्यकार ललित मोहन रयाल की ओर से तैयार किया गया है। इस पुस्तक की एक और खासियत यह रही कि इसका विमोचन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। सीएम धामी ने बताया कि कुछ दिन पहले ही उनकी मुलाकात नरेंद्र सिंह नेगी से हुई थी तभी उन्होंने नरेंद्र सिंह नेगी को जन्मदिन की अग्रिम बधाई दे दी थी साथ ही सीएम ने लेखक ललित मोहन रयाल को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने एक पुस्तक में गीतों को पिरोकर राज्य की विरासत को संयोजित करने का काम किया है। देहरादून में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नरेंद्र सिंह नेगी ने कुछ गीतों को गाया जिस पर लोग खूब झूमते हुए नजर आए। इस पर सीएम धामी ने कहा कि नेगी दा अपने गीतों के माध्यम से संस्कृति को बचाए हुए हैं जो लोगों को गुनगुनाने का मौका भी दे रहे हैं साथ ही वह हमेशा अपने प्रशंसकों का ख्याल रखते हैं। सीएम धामी ने बताया कि वह भी नरेंद्र सिंह नेगी के प्रशंसक हैं जब भी वह उनके कार्यक्रम में होते हैं तो उनके गीतों को अवश्य गुनगुनाते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी को उत्तराखंड लोक सम्मान से सम्मानित कर 2.51 लाख का चेक भेंट स्वरूप प्रदान किया। जबकि ललित मोहन रयाल के प्रयासों की सराहना करते हुए पुस्तक को भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित करने वाला काम बताया।