देहरादून : अब उत्तराखण्ड सरकार उन लोगो के लिए सुनहरा मौका लाने जा रही है जो शिक्षा के क्षेत्र में भविष्य बनाना चाहते है। मिली जानकारी के अनुसार सरकार शिक्षा पद्दति में बदलाव के दौर में अब बीएड दो साल की जगह चार साल करने की कवायद करने जा रही है। इसके लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने पब्लिक नोटिस भी जारी कर दिया है। राज्य में इस व्यवस्था को लागू करने से पूर्व सभी बीएड कॉलेजों को अपग्रेड किया जाएगा।
एनसीटीई के मुताबिक, 12वीं पास छात्र-छात्राएं बीएड चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स कर सकेंगे। अब छात्र बीए-बीएड, बीएससी-बीएड व बीकॉम-बीएड जैसे कोर्स में प्रवेश ले सकेंगे।
आपको बता ते कहले की बीएड कोर्स में हो रहे इस बदलाव के चलते एनसीटीई ने नए बीएड कॉलेज की मान्यता को लेकर सत्र 2019-20 में कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किए हैं।
इस बदलाव से क्या फायदे होंगे- सबसे पहले तो बीएड में इस बदलाव के बाद स्टूडेंट की भीड़ कॉलेजों में कम होगी। उच्च शिक्षा से जुड़े जानकारों के अनुसार इस बदलाव के बाद बीएड कॉलेजों में व्यवस्था बेहतर होगी।
बीएड कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल के अनुसार एनसीटीई ने करीब तीन साल पहले बीएड चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू करने की पहल की थी। जिसे कुछ राज्यों ने लागू भी कर दिया लेकिन, उत्तराखंड में इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स के लिए राज्य में बीएड कॉलेजों को अपग्रेड करने में करीब चार वर्ष का समय लगेगा। प्रदेश सरकार को चाहिए कि वे एनसीटीई की गाइडलाइन को समय रहते लागू करने में तत्परता दिखाए ताकि शिक्षा संस्थानों एवं छात्रों को नुकसान न हो।