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India Pak war: Surendra Kumar Martyred Rajasthan in Jammu Kashmir during air strike
Image : social media ( Surendra Kumar Martyred Rajasthan)

देवभूमि दर्शन- राष्ट्रीय खबर

India Pak war: राजस्थान के झुंझुनू निवास सुरेंद्र कुमार जम्मू कश्मीर में शहीद…

Surendra Kumar Martyred Rajasthan    : पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक में राजस्थान के झुंझुनू के निवासी मेडिकल अस्सिटेंट सर्जन सुरेंद्र कुमार जम्मू कश्मीर में शहीद, देश में दौड़ी शोक की लहर...

Surendra Kumar Martyred Rajasthan  : जम्मू कश्मीर के उधमपुर से समस्त देशवासियों के लिए एक दुखद खबर सामने आ रही है जहां पर उधमपुर सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की गई एयर स्ट्राइक मे राजस्थान के झुंझुनू के निवासी वायु सेना के मेडिकल अस्सिटेंट सर्जन सुरेंद्र कुमार वीरगति को प्राप्त हुए हैं। सुरेंद्र की शहादत की खबर सुनते ही उनके परिजनों में कोहराम मचा हुआ है वहीं उनके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इसके साथ ही उनके गांव समेत पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। जानकारी के मुताबिक सुरेंद्र पिछले 14 सालों से वायु सेना में अपनी सेवाएं दे रहे थे।

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अभी तक अपनी जानकारी के अनुसार राजस्थान के झुंझुनू जिले के मंडावा क्षेत्र के मेहरादासी गांव के रहने वाले वायु सेना के मेडिकल असिस्टेंट सर्जन सुरेंद्र कुमार की तैनाती इन दिनों जम्मू कश्मीर से 65 किलोमीटर दूर उधमपुर में थी जो 39 विंग मे तैनात थे। जानकारी के मुताबिक बीते शुक्रवार की दे रात पाकिस्तान की ओर से एयर स्ट्राइक की गई जिसमे सुरेंद्र शहादत को प्राप्त हो गए। जिला कलेक्टर राम अवतार मीणा ने सुरेंद्र कुमार की शहादत की पुष्टि की है । सुरेंद्र कुमार के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव लाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुरेंद्र कुमार काफी मिलनसार व्यक्ति थे जिन्होंने हाल ही में गांव मे नए मकान में गृह प्रवेश किया था। सुरेंद्र अपने पीछे अपनी पत्नी 8 साल की बेटी और 5 साल के बेटे को रोता बिलखता छोड़ गए हैं।

बुजुर्ग माँ को नही खबर बेटा हुआ शहीद

सुरेंद्र की शहादत की खबर अभी उनकी मां को नहीं दी गई है।बताते चले सुरेंद्र के पिता शिशुपाल सिंह सीआरपीएफ से रिटायर्ड थे जो पहले ही इस दुनिया को छोड़कर जा चुके हैं। लोगों ने बताया कि सुरेंद्र बीते 29 मार्च को अपने गांव आए थे और बीते 15 अप्रैल को परिवार सहित वह ड्यूटी पर लौटे थे। सुरेंद्र घर के इकलौते बेटे थे जिनके शहीद होने के बाद से उनकी बुजुर्ग माँ पत्नी दो छोटे बच्चों का सहारा हमेशा के लिए छीन गया।

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