Vinay Narwal Navy Pahalgam: पहलगाम आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल हुए शहीद, 19 अप्रैल को हुई थी शादी, सोशल मीडिया पर तस्वीर हो रही वायरल…
Vinay Narwal Navy Pahalgam: जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में हरियाणा के करनाल के सेक्टर 7 के रहने वाले व भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहादत को प्राप्त हो गए। दरअसल शहीद विनय नरवाल महज 26 साल के थे जो बीते 19 अप्रैल को गुरुग्राम की हिमांशी नरवाल के साथ विवाह के बंधन में बंधे थे। वहीं 21 अप्रैल को विनय अपनी पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून मनाने के लिए जम्मू कश्मीर के श्रीनगर पहुँचे और बीते सोमवार को पहलगाम पहुंचे थे। विनय नरवाल इन दिनों कोच्चि में तैनात थे जो 3 साल पहले ही नेवी में भर्ती हुए थे। इस हृदय विदारक घटना के बाद शहीद विनय की पत्नी उनके शव के साथ बैठी रही जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है जिसने हर किसी के मन को झकझोर कर रख दिया।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार बीते सोमवार को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जानकारी देते हुए शहीद विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने सहमी हुई आवाज में कहा कि हम बस भेलपुरी खा रहे थे इतने में ही मेरे पति को गोली मार दी गई। आतंकियों ने बोला की तुम्हारा पति मुसलमान नहीं है और इतना कहते ही विनय को गोली मार दी। विनय की शहादत की खबर सुनते ही उनके परिजनों में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और वो बीते रात को ही कश्मीर के लिए रवाना हो गए। आज बुधवार की सुबह विनय के पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम हुआ जहां आज शाम को उनको करनाल में स्थित पैतृक गांव भुसली मे अंतिम विदाई दी जाएगी। विनय के चाचा सुरजीत नरवाल ने बताया कि पुलिस वालो ने उन्हें जानकारी देते हुए बताया कि आतंकी आर्मी की यूनिफॉर्म पहन कर आए थे जो चुन चुन कर धर्म पूछ रहे थे। हालांकि विनय की पत्नी हिमांशी सुरक्षित है मगर विनय उनका साथ बेहद कम उम्र में छोड़ गए। बताते चले विनय 40 दिन की छुट्टी लेकर आए थे जो 28 मार्च को करनाल पहुंचे और 4 अप्रैल को उनकी सगाई हिमांशी के साथ हुई जिसके बाद 16 अप्रैल को मसूरी में वह हिमांशी के साथ विवाह के बंधन में बंधे थे जबकि 19 अप्रैल को करनाल में रिसेप्शन की पार्टी रखी गई थी 20 अप्रैल को विनय हिमांशी के साथ गुरुग्राम गए तथा 21 अप्रैल को फ्लाइट से जम्मू कश्मीर के लिए हिमांशी के साथ रवाना हुए वहीं 22 अप्रैल को हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कहकर हिमांशी को अकेला रोता बिलखता छोड़ गए ।
शादी के बाद आने वाले जन्मदिन से पहले चली गई विनय की जिंदगी , यूरोप का लग जाता वीजा तो आज परिवार संग होते विनय
जानकारी में शहीद विनय के दादा हवा सिंह ने बताया कि पहले विनय और हिमांशी हनीमून मनाने के लिए यूरोप जाने वाले थे लेकिन वीजा नहीं मिला तो उन्होंने जम्मू कश्मीर जाने की योजना बनाई विनय के दादा ने कहा कि काश उनका यूरोप का वीजा लग जाता तो आज उनका पोता विनय उनके बीच होता। शहीद विनय का 1 मई को जन्मदिन आने वाला था जिसके लिए शादी के बाद पहले जन्मदिन को लेकर परिवार ग्रैंड पार्टी प्लान कर रहा था क्योंकि इसके बाद 3 में को विनय को अपनी पत्नी के साथ कोच्चि ड्यूटी पर लौटना था। विनय ने दिल्ली से बीटेक किया था विनय पढ़ने में काफी कुशाग्र बुद्धि के छात्र थे।
विनय को स्कूल टाइम से था देश सेवा का जज्बा
विनय आर्मी परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिसके चलते उन्हें देश सेवा करने का जज्बा बहुत पहले से था इतना ही नहीं बल्कि स्कूल टाइम में ही वो Combined Defence Services की तैयारी कर रहे थे लेकिन जब उनका सिलेक्शन नहीं हुआ तो इसके बाद उन्होंने SSB की तैयारी शुरू कर दी थी जिसके चलते 3 साल पहले उनका चयन नेवी में हो गया था। शहीद विनय के पिता राजेश कुमार कस्टम विभाग में सुपरिंटेंडेंट के पद पर पानीपत में तैनात है जबकि विनय के दादा हवा सिंह 2004 में हरियाणा पुलिस से रिटायर हुए हैं। विनय की माता आशा देवी और दादी वीरू देवी गृहणी है जबकि विनय की छोटी बहन सृष्टि दिल्ली में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही है।