पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश ने लोगो का जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है, साथ ही सड़क दुर्घटनाएँ भी रुकने का नाम नहीं ले रही है। भारी बरसात से क्षेत्र के सभी नदी-नाले उफान पर आ गए है। आज टनकपुर जा रही काठगोदाम डिपो की बस हल्द्वानी-चोरगलिया मार्ग पर पडऩे वाले असनी नाले के उफान से बह गई। बताया जा रहा है,चोरगलीया मार्ग में प्रवेश करते ही ड्राइवर जबरन उफनाते नाले से बस निकलाने की कोशिश करने लगा, जिसके बाद बस पूरी तरह नाले में डूब गई। बस के बहते ही यात्रियों की चीख-पुखार मच गई। देखते ही देखते चालक की लापरवाही के कारण उसमें सवार 28 यात्रियों की जान खतरे में आ गई।
पुलिस व राहगीरों की मदद से सभी यात्रियों को करीब एक घंटा मशक्कत कर सकुशल निकाल लिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने चालक के नशे में होने का आरोप लगाया है। राहगीरों व पुलिसकर्मियों ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया। पुलिस ने राहगीरों की मदद से खुद की जान को जोखिम में डालकर बस से एक-एक कर यात्रियों को निकालना शुरू किया। सभी 28 यात्रियों को खिड़कियों के रास्ते निकालकर किनारे तक सकुशल पहुंचाया गया। तेज बहाव में कुछ यात्रियों का सामान बह गया। बाद में सभी यात्रियों को अन्य वाहनों से किच्छा के रास्ते सितारगंज-खटीमा-टनकपुर के लिए भेजा गया। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप था कि बस चालक ने शराब पी थी।
इसलिए रेस्क्यू के दौरान उसने बस से बाहर आने से मना कर दिया। टीम ने उसे जबरदस्ती बस से खींचकर निकाला। यात्रियों ने ड्राइवर के मेडिकल, कार्रवाई की मांग की तो ड्राइवर दूसरी बस से भाग निकला। काठगोदाम डिपो के अन्य स्टाफ का कहना है की रोडवेज बस के चालक ने शराब नहीं पी थी। ये सब अफवाह फैलाई जा रही है और डिपो को बदनाम किया जा रहा है।यदि चालक ने शराब पी होती तो पुलिस उसका मेडिकल परीक्षण कराती। उन्होंने शराब पीने के आरोप को अफवाह बताया। खैर शराब पि हो या नहीं लेकिन बस में सवार 28 यात्रिओ की जिंदगी तो खतरे में पड़ ही चुकी थी।