Pahalgam Terror Attack: कानपुर के शुभम द्विवेदी को कहा कलमा पढ़ने को फिर मारी गोली
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार मूल रूप से कानपुर के सरसोल क्षेत्र के हाथीपुर गांव के रहने वाले व वर्तमान में कानपुर के श्याम नगर के निवासी शुभम द्विवेदी की शादी के 12 फरवरी को यशोदानगर की एशान्या के साथ हुई थी जिसके चलते शुभम बीते 17 अप्रैल को अपनी पत्नी एशान्या के साथ घूमने के लिए कश्मीर गए थे जबकि शुभम की माता सीमा, पिता संजय, बहन आरती, बहनोई शुभम दुबे, शुभम के ससुर राजेश पांडेय और सास भी कश्मीर घूमने निकले थे दोनों परिवारों के कुल 11 सदस्य टूर पर थे । जिन्हे आज 23 अप्रैल को लौटना था लेकिन उससे एक दिन पहले ही बीते मंगलवार को 2.45 पर पहलगाम की बैसारन घाटी मे आतंकवादियों ने अचानक हमला कर दिया जिसमे शुभम की मौत हो गई । जानकारी के मुताबिक जिस वक्त आतंकियों ने उन्हें गोली मारी उस वक्त शुभम के साथ सिर्फ उनकी पत्नी ही मौजूद थी जबकि अन्य परिजन नीचे थे। शुभम के चचेरे भाई ने जानकारी देते हुए बताया कि आतंकियों ने उनके भाई शुभम से नाम पूछा और गोली मार दी जबकि शुभम की पत्नी को आतंकियों ने छोड़ते हुए कहा कि तुम्हें नहीं मारेंगे जाकर अपनी सरकार को बता दो। जानकारी के मुताबिक शुभम के पिता संजय द्विवेदी कानपुर में सीमेंट के बड़े डीलर हैं और शुभम भी सीमेंट कारोबारी थे ।
आतंकियों ने शुभम से कहा कि पढ़कर दिखाओ कलमा
आतंकियों ने शुभम से कहा की यदि तुम मुसलमान हो कलमा पढ़ कर बताओ जब उन्हें जवाब सही नहीं मिला तो आतंकियों ने शुभम के सिर पर गोली मार दी तब शुभम की पत्नी ने कहा कि मुझे भी मार दो तो आतंकियों ने उनके सिर पर बंदूक रखकर कहा कि तुम्हें नहीं मारेंगे तुम अपनी सरकार को बता देना कि हमने क्या किया है। जानकारी के मुताबिक शुभम के चचेरे भाई ने बताया कि उनके भाई शुभम और भाभी मैगी खा रहे थे तभी इस दौरान वहां पर दो लोग उनके पास आए जिन्होंने उनसे पूछा की क्या तुम मुसलमान हो? आतंकियों की इस कायराना हरकत से हर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है। शुभम के परिजनों का कहना है कि जिस तरह से आतंकियों ने उनके बेटे को मारा है वैसे ही सरकार को आतंकियों से बदला लेना चाहिए।
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