शहीद सीडीएस बिपिन रावत(Bipin Rawat) व मां मधुलिका रावत को याद करते हुए भावुक हुई उनकी छोटी बेटी(Daughter) तारिणी और एक वाक्या साझा किया सभी के बीच
पापा असल में इन दिनों गढ़वाली सीख रहे थे, इसके लिए वह बकायदा भी नोट्स बना रहे थे, मैंने कल खुद उनकी टेबल पर एक छोटी सी नोटबुक देखी, जिसमें उन्होंने खुद कई गढ़वाली शब्द लिखे हुए थे।”। यही वो शब्द थे जो शहीद सीडीएस बिपिन रावत(Bipin Rawat) व अपनी मां मधुलिका को याद करते हुए उनकी छोटी बेटी तारिणी ने बीते दिनों वायू सेना द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं थी। इन शब्दों ने न केवल जनरल बिपिन रावत की उत्तराखण्ड की करीबी का पता चलता है बल्कि उनका अपनी मातृभूमि और मातृभाषा के प्रति प्रेम भी झलकता है। तारिणी की इन बातों को सुनकर कार्यक्रम में मौजूद कोई भी शख्स अपनी आंखों को नम होने से नहीं रोक पाया। मंच पर मौजूद शहीद सीडीएस बिपिन रावत की बेटी(Daughter) तारिणी ने भावुकता से पिता जनरल बिपिन रावत के दिल की बात शेयर कीं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते 20 दिसंबर को वायुसेना द्वारा जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की याद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में शहीद रावत दंपति की दोनों बेटियों तारिणी और कृतिका भी मौजूद थीं। इस दौरान जनरल रावत की दोनों बेटियां मंच से पिता को याद करते हुए भावुक हो गईं। विदित हो बीते दिनों तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 14 सैन्य अधिकारी शहीद हो गए थे। शहीद सीडीएस जनरल बिपिन रावत मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के रहने वाले थे। वह अक्सर अपने गांव आते रहते थे, रिटायरमेंट के बाद उन्होंने पहाड़ में खुद का घर बनाने का सपना भी संजोया था। अपने उत्तराखण्ड दौरे पर उन्होंने कई बार पलायन के कारण खाली होते घरों के बारे में चिंता भी व्यक्त की थी। जिससे उनका पहाड़ प्रेम साफ झलकता था।