प्रदीप की मदद (help) से भरा हुआ सिलेंडर घर पहुंचा तो खिल उठा मासूम बच्ची का चेहरा, खुश होकर बोली थैंक्यू अंकल..
इन दिनों उत्तराखण्ड पुलिस जहां एक ओर लाॅकडाउन का उल्लघंन करने वाले लोगों के साथ सख्ती से पेश आकर नियमों का पालन करवा रही है वहीं दूसरी ओर गरीब और जरूरतमंदों की मदद (help) कर मानवता का फर्ज भी निभा रही हैं। लाॅकडाउन के इस दौर में आपको हजारों ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जहां उत्तराखण्ड पुलिस के नेक दिल जवानों ने असहायों और जरूरतमंदों की मदद (help) कर न सिर्फ मानवता की मिशाल पेश की है अपितु राशन, दवाई आदि अतिआवश्यक वस्तुओं को उनके घर तक पहुंचाकर एक देवदूत के भांति कार्य भी किया है। आज हम आपको उत्तराखण्ड पुलिस के एक ऐसे ही जवान से रूबरू करा रहे हैं, जी हां हम बात कर रहे हैं राज्य के चमोली जिले में तैनात फायरमैन प्रदीप टम्टा की, जिन्होंने एक मासूम बच्ची की गुहार सुनकर न सिर्फ उसे मदद का भरोसा दिलाकर घर भेजा बल्कि तत्काल भरा हुआ गैस सिलेंडर बच्ची के घर पहुंचाकर, बच्ची द्वारा उनकी बात पर किए गए उस भरोसे को कायम भी रखा। प्रदीप के इस अभूतपूर्व कार्य की क्षेत्रवासियों ने जमकर सराहना की है।
तीन दिनों से भूखा था आयशा का परिवार, प्रदीप ने मददगार बन निभाया मानवता का फर्ज:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के चमोली जिले में तैनात उत्तराखण्ड पुलिस के फायरमैन प्रदीप टम्टा बीते सोमवार को चमोली पुल पर अपनी ड्यूटी कर रहे थे। इसी दौरान एक मासूम बच्ची आयशा वहां आई। आयशा ने प्रदीप से मदद (help) की गुहार लगाते हुए कहा कि “अंकल, अंकल हमारे घर में पिछले तीन दिनों से गैस सिलेंडर खत्म है, जिस कारण खाना नहीं बन पा रहा है” बच्ची की बातें सुनकर प्रदीप की आंखें नम हो गई उन्होंने बच्ची के घर के बारे में पता लगाया तो मालूम हुआ कि बच्ची एक बहुत ही गरीब परिवार से हैं और उसके परिवार ने पिछले तीन दिनों से कुछ नहीं खाया है। आयशा की मां भवानी देवी अपने दो बच्चों के साथ यहां रहती है और भवानी का पति लाॅकडाउन के कारण कहीं बाहर फंसा हुआ है। प्रदीप को जैसे ही ये बातें पता चली तो उन्होंने सीधे मैठाणा गैस एजेंसी में जाकर स्वयं के खर्चे से गैस सिलेंडर भरवाया और उसे आयशा के घर पहुंचाया। जहां आयशा ने “थैंक्यू अंकल” कहकर प्रदीप को धन्यवाद दिया।