उत्तराखण्ड से विगत 2 माह में ऋषिकेश के तीन नौजवान देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए अपनी सहादत दे चुके है। जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलो का ये सिलसिला कब तक चलेगा और कब तक उत्तराखण्ड के वीर सपूत अपने प्राण न्योछावर करते रहेंगे । कल शाम 5:00 बजे शहीद प्रदीप रावत के घर पर सूचना आई थी की , गंगानगर नगर, ऋषिकेश 27 वर्षीय जवान प्रदीप रावत जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए हैं। सुचना के बादसे ही घर में कोहराम मचा हुआ है। माता -पिता , बहन और पत्नी सभी का रो रो कर बुरा हाल है ,रिस्तेदार और पड़ोसी ढाडस बधाने आ रहे है।
फाइल फोटो प्रदीप रावत
बता दे की उत्तराखंड के ग्राम बैराई गांव पट्टी दोगी टिहरी गढ़वाल के राइफलमैन प्रदीप सिंह रावत जो कि भारतीय सेना 4वीं बटालियन गढ़वाल राइफल जम्मू कश्मीर की उड़ी सेक्टर में तैनाती के दौरान दुश्मन से लोहा लेते हुए शहीद हो गए, प्रदीप अपने घर में तीन बहनो में सबसे बड़े थे और शहीद के पिता कुंवर सिंह रावत भी सेना से सूबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत्त है। अभी 1 साल पहले ही वीर शहीद प्रदीप रावत का विवाह हुआ था। उनकी पत्नी भी 7 माह की गर्भवती बताई जा रही है यह खबर सुनकर पत्नी अचेत सी हो गयी थी।दो दिन पहले ही प्रदीप का घर पर फ़ोन आया था की वो ठीक है और कल शाम ही उनकी सहादत की खबर आ गयी।
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जम्मू कश्मीर में लगातार आतंकी हमले रुकने के नाम नहीं ले रहे है, तीन दिन पहले ही ऋषिकेश के हमीर पोखरियाल ने भी जम्मू कश्मीर में अपनी सहादत दी थी। बताया जा रहा है कि 13 अगस्त की शाम तक प्रदीप का पार्थिव शरीर उनके घर ऋषिकेश पहुंचेगा। उत्तराखंड के इस वीर सपूत की सहादत को भावपूर्ण श्रदाँजलि।
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