गर्भवती महिला (pregnant women)ने पहले अस्पताल में एक मृत बच्ची को दिया जन्म और फिर की गई हायर सेंटर रेफर
कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से जहाँ उत्तराखंड प्रदेश भी अछूता नहीं रहा लेकिन अच्छी बात ये भी है की प्रदेश के पर्वतीय जिलों में ये महामारी नहीं पहुंची अन्यथा यहाँ के जर्जर अस्पतालों के हालत देखकर स्थिति क्या होती कहना भी मुश्किल है। ये बात हमें इसलिए कहनी पड़ रही है क्योंकि हमेशा से विवादों से गहरा नाता रखने वाला पिथौरागढ़ महिला अस्पताल आज फिर सुर्खियों में है। जी हां.. राज्य के पिथौरागढ़ जिले से आज फिर एक दुखद खबर आ रही है जहां महिला अस्पताल में भर्ती एक गर्भवती महिला (pregnant women)ने पहले अस्पताल में एक मृत बच्ची को जन्म दिया और फिर हायर सेंटर रेफर की गई उस महिला ने भी दम तोड दिया। इस दुखद घटना से व्यथित मृतक महिला के पति ने जहां महिला अस्पताल प्रबंधन पर उपचार के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया है और जांच की मांग की है वहीं जच्चा-बच्चा की मौत होने से क्षेत्रवासियों में भी आक्रोश है। बहरहाल सच क्या है ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा परंतु इस प्रकरण के बाद पिथौरागढ़ महिला अस्पताल एक बार फिर विवादों में घिर गया है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के पिथौरागढ़ जिले के वड्डा क्षेत्र के जलतूड़ी निवासी लक्ष्मण चंद की पत्नी कल्पना चंद गर्भवती(pregnant women) थी। दो दिन पूर्व जब कल्पना को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजनों ने उसे महिला अस्पताल में भर्ती कराया। कल्पना के पति का कहना है कि अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने कल्पना की तबीयत सही बताकर नार्मल डिलीवरी की बात की परंतु कुछ ही समय बाद उन्होंने महिला की हालत नाज़ुक बताकर कहा कि उन्हें महिला का आपरेशन करना पड़ेगा। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने जच्चा-बच्चा में से किसी एक के ही जीवित बचने की संभावना भी जाहिर की। आपरेशन के बाद महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया और उसकी मौत हो गई परंतु अस्पताल वालों का कहना था कि वह बच्ची मृत ही पैदा हुई थी। आपरेशन के बाद कल्पना की तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी और अस्पताल प्रबंधन ने उसे हायर सेंटर रेफर हल्द्वानी कर दिया। वहां पहुंचने पर चिकित्सकों ने दुबारा महिला का आपरेशन करने की बात कही परन्तु आपरेशन से पहले ही कल्पना ने दम तोड दिया। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने उपचार के दौरान जच्चा-बच्चा को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया।
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