UTTARAKHAND MARTYR : देश ने एक वीर मेजर विभूति शंकर ढोंडीयाल (Major Vibhuti Dhoundiyal) सहित पांच बहादुर जवानों को खोया
सोमवार का दिन देश के लोगों के लिए अच्छी तथा बुरी दोनों तरह की खबर ले कर आया। अच्छी खबर ये थी कि सेना ने पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड सहित हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकवादियों को मार गिराया। इस अच्छी खबर से पहले देश के लिए बुरी खबर भी आई जिसमें देश ने एक वीर मेजर विभूति शंकर ढोंडीयाल (Major Vibhuti Dhoundiyal) सहित पांच बहादुर जवानों को खोया। आतंकियों के खिलाफ चले आपरेशन में ये जवान सोमवार को शहीद (Martyr) हो गए। मूल रूप से पौड़ी के रहने वाले मेजर विभूति ढोंडीयाल का पार्थिव शरीर कल रात को ही देहरादून पहुंच गया था। देहरादून मिलिट्री हॉस्पिटल से मेजर विभूति के पार्थिव शरीर को उनके घर लाया गया। पार्थिव शरीर के घर पहुंचते ही परिजन बिलख-बिलख कर रोने लगे। शहीद मेजर की पत्नी निकिता तो पार्थिव शरीर को देखकर ह बेसबेहो गई थी मां का तो कल रात से ही रो-रोकर बुरा हाल है। दिल की मरीज मेजर की माता को कल रात को ही बेटे के शहीद होने के बारे में बताया गया था। आज सुबह जैसे ही मेजर की अंतिम यात्रा शुरू हुई वहां उपस्थित भारी जनसैलाब ने नम आंखों से मेजर विभूति अमर रहे, पाकिस्तान मुर्दाबाद आदि नारे लगाकर देश के इस जांबाज योद्धा को अंतिम विदाई दी।
इससे पहले मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद मेजर विभूति के घर पहुंचकर उन्हें अपनी ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। और मेजर की माता सरोज और पत्नी निकिता को ढ़ाढस बधाया। कश्मीर विस्थापित पंडित परिवार की बेटी ने अनौखे अंदाज में अपने पति को विदाई दी। उन्होंने मेजर के पार्थिव शरीर को चूमा और फिर उन्हें सेल्यूट किया और फिर उसके बाद वो आई लव यू विभू बोलती रही। बता दें कि सोमवार को जहां एक ओर मेजर चित्रेश बिष्ट को अंतिम विदाई दी जा रही थी , वही दूसरी ओर विभूति शंकर ढौंडियाल की शहादत की खबर आने से पूरे उत्तराखण्ड में शोक की लहर छा गई। वो पुलवामा में रविवार रात से चल रही मुठभेड़ में सुरक्षाबलों की टीम का हिस्सा थे। उनके साथ 3 अन्य जवान भी शहीद हो गए थे। उनकी मां और दादी देहरादून के नेश्विवला रोड में रहती हैं जबकि उनका मूल गांव पौड़ी जिले स्थित बैजरो ढौंड गांव है। बताते चलें की उनकी पिछले वर्ष अप्रैल में ही शादी हुई थी ओर नए दाम्पत्य जीवन की खुशियाँ जिंदगी में आई ही थी की सब खुशियाँ मातम में बदल गयी। शहीद की मां सरोज दिल की मरीज हैं। इसलिए मेजर विभूति की माता को कल देर शाम मेजर के मामा के आने के बाद मेजर के शहीद होने की खबर दी गई।