Connect with us
Rishikesh Karnaprayag rail project, tunnel has been completed between Gular and Vyasi
Image : social media ( Rishikesh Karnprayag rail project)

UTTARAKHAND NEWS

खुशखबरी: ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना में गूलर से व्यासी के बीच सुरंग हुई आर पार

Rishikesh Karnprayag rail project: ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना का पहला पडाव हुआ आर पार , गूलर से व्यासी के बीच अंतिम सुरंग का हुआ सफल ब्रेकथ्रू

Rishikesh Karnprayag rail project:  उत्तराखंड में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना का कार्य निरंतर गति पकड़ रहा है जिसके चलते आए दिन इस परियोजना से जुड़े विभिन्न इलाकों में सुरंगों के ब्रेकथ्रू होना भी शुरू हो चुके हैं जिससे पहाड़ों पर ट्रेन चलने का सपना जल्द ही साकार होता हुआ दिखाई दे रहा है। इसी बीच इस परियोजना के पैकेज टू मे गूलर से व्यासी के बीच 6.6 km लंबी अंतिम सुरंग का बीते शुक्रवार को सफल ब्रेक थ्रू हो चुका है इससे पहले शिवपुरी से गूलर के बीच 6.5 किलोमीटर की पहली सुरंग का भी ब्रेक थ्रू हो चुका है। बताते चले ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना 126 किलोमीटर लंबी है जिसमें पहले 22 ट्रैक बनाये जाने थे लेकिन अब 26 रेलवे ट्रैक बनाए जाएंगे। जिसके अतिरिक्त कार्य के लिए 611 करोड रुपए का टेंडर भी जारी किया गया है ।

यह भी पढ़े :Rishikesh Karnprayag railway: उत्तराखंड में भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग हुई आर-पार.

अभी तक मिली जानकारी के अनुसार लार्सन एंड लिमिटेड ने रेलवे विकास निगम लिमिटेड आरवीएनएल के निर्देशन में कार्यान्वित इस पैकेज में दो सुरंगों को शामिल किया है जिसमें सुरंग कठिन पर्वतीय भूगोल भूकंपीय संवेदनशीलता और जटिल भूगर्भीय संरचनाओं से गुजराती है जिसमें अंतिम सुरंग के ब्रेकथ्रू को महीनों की सटीक योजना भूगर्भीय विश्लेषण और तकनीकी दक्षता से पूरा किया गया है। परियोजना के पैकेज 2 में गूलर से व्यासी के बीच 6.6 km लंबी अंतिम सुरंग का ब्रेक शुरू होना एक विशेष उपलब्धि माना जा रहा है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग परियोजना में न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड जैसी उन्नत तकनीक और रीयल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया जिसके कारण समयबद्ध प्रगति और श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो पाई हैं । इस मौके पर एलएंडटी, आरवीएनएल और युक्सेल आईसीटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरी टीम के प्रयासों और समर्पण की तारीफ की है । आपको जानकारी देते चले इस सुरंग के निर्माण के दौरान श्रमिकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा जिसमें उन्हें कठोर चट्टानें भूमिगत जल रिसाव और प्रतिकूल मौसम जैसी समस्याओं से जूझना पड़ा लेकिन उन्होंने फिर भी इस कठिन कार्य को आसानी से पूरा किया है । यह विशेष उपलब्धि उत्तराखंड के विकास की दिशा में तथा चार धाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं ।

उत्तराखंड की सभी ताजा खबरों के लिए देवभूमि दर्शन के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़िए।।

More in UTTARAKHAND NEWS

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

To Top
हिमाचल में दो सगे नेगी भाइयो ने एक ही लड़की से रचाई शादी -Himachal marriage viral पहाड़ी ककड़ी खाने के 7 जबरदस्त फायदे!