Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day

उत्तराखण्ड बुलेटिन

ऋषिकेश

ऋषिकेश एम्स में अब रोबोटिक तकनीक से शुरू होगी सर्जरी




अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होता जा रहा है। 2016 में एम्स ने रोबोटिक तकनीक से मस्तिष्क की सर्जरी शुरू की थी। संस्थान के न्यूरोसर्जरी विभाग के डॉक्टरों का दावा है कि एम्स दक्षिण पूर्व एशिया में सरकारी चिकित्सा संस्थानों में इस तकनीक से मस्तिष्क की सर्जरी करने वाला पहला संस्थान है। आठ महीने से इस तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। इस तकनीक से दो घंटे में सर्जरी हो जाती है, जबकि सामान्य तौर पर सर्जरी करने में छह से सात घंटे लगते हैं। साथ ही यह मरीजों के लिए इलाज में अधिक सुरक्षित और फायदेमंद है। रोबोट से जटिल ऑपरेशन आसानी से हो जाते हैं। अभी कीजर्मन में बनी दा विंची रोबोट मशीन एम्स में लगा दी गई है। देश के चुनिंदा अस्पतालों में ही यह सुविधा उपलब्ध है।

संस्थान में रोबोटिक सर्जरी भी उपलब्ध हो गई है। हाई डेफिनिशन थ्री-डी प्रणाली से लैस मशीन से हार्ट, कैंसर, प्रोस्टेज कैंसर सहित जटिल ऑपरेशन आसानी से हो सकेंगे। जर्मनी में निर्मित दा विंची रोबोट मशीन की कीमत 28 करोड़ रूपये है। इससे हृदय शल्य चिकित्सा, कालोरेक्टल सर्जरी, जनरल सर्जरी, गायन कोलाजिक सर्जरी, सिर-गर्दन सर्जरी, वक्ष शल्य चिकित्सा सहित सभी जटिल ऑपरेशन संभव है। विदेश में रोबोट सर्जरी महंगी है। विदेश में सामान्य व जटिल सर्जरी के 20 हजार से 10 लाख रूपये लग जाते है। हवाई टिकट एवं अन्य खर्च अलग से वहन करना पड़ता है। जबकि ऋषिकेश एम्स में 10 हजार से 2 लाख रूपये का खर्च आता है,जोकि विदेशों की अपेक्षा बहुत कम है।

 ऑपरेशन की प्रक्रिया

छोटे चीरे से दा विंची प्रणाली में एक विस्तृत थ्री-डी हाई डेफिनिशन विजुअल सिस्टम छोटे उपकरण शरीर में प्रवेश कराये जाते है। जो मानव हाथ से कहीं ज्यादा मोड और धूमते है। इससे इनफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता है खून नहीं निकलता और ऑपरेशन के बाद दर्द भी कम होता है।

जटिल ऑपरेशन अब आसानी से हो सकेंगे

ऋषिकेश एम्स के निदेशक प्रोफेसर डा. रविकांत का कहना है कि अत्याधुनिक दा विंची रोबोट प्रणाली से जटिल ऑपरेशन आसानी से हो जाते है। अमेरिका,जर्मनी,फ्रांस सहित यूरोप के देशों में यह प्रणाली लोकप्रिय है। भारत के चुनिंदा मेडिकल संस्थानों में ही यह सुविधा है। इसमें रोबोट की मदद से सर्जरी की जाती है। जिसमें समय कम लगने के साथ चीर-फाड नहीं करनी पड़ती। मरीज को दर्द कम होने के साथ इनफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता है।

 रोबोटिक सर्जरी

यह रोबोट एक सर्जरी यंत्र है। इसे नियंत्रित करने की डोर सर्जन के पास होगी। इसमें हाथ की तरह यंत्र होंगे और बीच में थ्री डी कैमरा होगा। एम्स के अलावा दिल्ली के कई प्राइवेट अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी की जा रही है।

पेट में लंबे चीरों से मिलेगी आजादी

रोबोटिक सर्जरी से मरीजों को काफी फायदा मिलेगा। पहले पेट की सर्जरी में काफी लंबा चीरा लगाना पड़ता था। इसमें दो से तीन छोटे-छोटे छेद किए जाएंगे।रोबोटिक सर्जरी में खून बहुत कम बहेगा। जब खून कम निकलेगा तो मरीज जल्दी ठीक होगा। दवाइयों का खर्च काफी कम होगा।

पेट की सर्जरी 

इस रोबोट से प्रोस्टेट, नेफ्रेक्टामी किडनी और अन्य सर्जरी की जा सकेंगी। रोबोटिक सर्जरी से डॉक्टरों को काफी फायदा मिलेगा। लेप्रोस्कोपी से ऑपरेशन में डाक्टरों को ज्यादा समय तक ऑपरेट करना पड़ता था। रोबोटिक में ऐसा नहीं होगा।

मस्तिष्क की सर्जरी

न्यूरो सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले रोबोट में एक आर्म होता है, जिसे विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। रोबोट उस हिस्से के दृश्य को टेलीस्कोप के माध्यम से कंप्यूटर पर भेजता है। इसे देखकर ही डॉक्टर सर्जरी करते हैं।

Continue Reading
You may also like...
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखण्ड बुलेटिन

UTTARAKHAND CINEMA

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Lates News

deneme bonusu casino siteleri deneme bonusu veren siteler deneme bonusu veren siteler casino slot siteleri bahis siteleri casino siteleri bahis siteleri canlı bahis siteleri grandpashabet
To Top