ऋषिकेश एम्स में अब रोबोटिक तकनीक से शुरू होगी सर्जरी
ऑपरेशन की प्रक्रिया
छोटे चीरे से दा विंची प्रणाली में एक विस्तृत थ्री-डी हाई डेफिनिशन विजुअल सिस्टम छोटे उपकरण शरीर में प्रवेश कराये जाते है। जो मानव हाथ से कहीं ज्यादा मोड और धूमते है। इससे इनफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता है खून नहीं निकलता और ऑपरेशन के बाद दर्द भी कम होता है।
जटिल ऑपरेशन अब आसानी से हो सकेंगे
ऋषिकेश एम्स के निदेशक प्रोफेसर डा. रविकांत का कहना है कि अत्याधुनिक दा विंची रोबोट प्रणाली से जटिल ऑपरेशन आसानी से हो जाते है। अमेरिका,जर्मनी,फ्रांस सहित यूरोप के देशों में यह प्रणाली लोकप्रिय है। भारत के चुनिंदा मेडिकल संस्थानों में ही यह सुविधा है। इसमें रोबोट की मदद से सर्जरी की जाती है। जिसमें समय कम लगने के साथ चीर-फाड नहीं करनी पड़ती। मरीज को दर्द कम होने के साथ इनफेक्शन का खतरा भी नहीं रहता है।
रोबोटिक सर्जरी
यह रोबोट एक सर्जरी यंत्र है। इसे नियंत्रित करने की डोर सर्जन के पास होगी। इसमें हाथ की तरह यंत्र होंगे और बीच में थ्री डी कैमरा होगा। एम्स के अलावा दिल्ली के कई प्राइवेट अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी की जा रही है।
पेट में लंबे चीरों से मिलेगी आजादी
रोबोटिक सर्जरी से मरीजों को काफी फायदा मिलेगा। पहले पेट की सर्जरी में काफी लंबा चीरा लगाना पड़ता था। इसमें दो से तीन छोटे-छोटे छेद किए जाएंगे।रोबोटिक सर्जरी में खून बहुत कम बहेगा। जब खून कम निकलेगा तो मरीज जल्दी ठीक होगा। दवाइयों का खर्च काफी कम होगा।