kedarnath horses and mules केदारनाथ धाम में घोड़े खच्चरो के संचालन पर 24 घंटे की लगी रोक, इन्फ्लूएंजा वायरस से 14 पशुओं की मौत, बीमारी से मचा हड़कंप, पशुओं की होगी जांच…
kedarnath horses and mules : उत्तराखंड में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है जिसके चलते बीते 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलते ही लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा लेकिन इसी बीच रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ यात्रा मार्ग पर दो दिन में इन्फ्लूएंजा वायरस से 14 घोड़े खच्चरों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने के कारण हड़कंप मच गया है वहीं सचिव पशुपालन डॉक्टर बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने घोड़ा खच्चरों के संचालन पर 24 घंटे की रोक लगा दी है जिसके चलते यात्रियों को फिलहाल बिना पशुओं का सहारा लिए यात्रा करनी होगी।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर अक्सर घोड़ा खच्चरों द्वारा तीर्थ यात्रियों को लाने ले जाने का कार्य किया जाता है लेकिन इस बीच 14 घोड़ा खच्चरों की मौत के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है। जानकारी के मुताबिक बीते रविवार को 8 और बीते सोमवार को 6 घोड़े खच्चरों की मौत की गंभीरता को देखते हुए पशुपालन डॉक्टर पुरुषोत्तम रुद्रप्रयाग पहुंचे और उन्होंने पशुओं की हालत को देखते हुए 24 घंटे तक उनके संचालन पर रोक लगाने का महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए घोड़ा खच्चरों में बीमारी न फैलने और पूरा ख्याल रखना की बात कहते हुए बताया कि आज मंगलवार को केंद्र सरकार की एक टीम और हरियाणा के हिसार से भी एक टीम केदारनाथ पहुंचेगी जो मिलकर घोड़ा खच्चरों की मौत की जांच करेगी। बताते चले पशुपालन के सचिव ने बताया कि इससे पहले इक्वाइन इनफ्लुएंजा के लक्षण मिलने के बाद बीते 4 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच रिकॉर्ड 16,000 घोड़े खच्चरों की जांच की गई जिसमें 152 पशु सैंपलिंग में पॉजिटिव पाए गए थे जबकि आरटीपीसीआर रिपोर्ट मे यह पशु नेगेटिव आए थे जिसके कारण पशुओं की मौत का कारण कोई बैक्टीरियल इनफेक्शन माना जा रहा है हालांकि जांच होने पर ही इसका पता चल पाएगा। वर्ष 2010 में इस तरह की समस्या आने के कारण यात्रा को पूरी तरह से रोका गया था लेकिन जांच के बाद इस बार यात्रा को पूरी तरह से रोका नहीं जाएगा यदि किसी पशु मे नाक बहने जैसे लक्षण पाए जाते हैं तो उसका टेस्ट करने के बाद उसे सुरक्षा की दृष्टि से क्वारंटीन सेंटर में रखा जाएगा ।
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