Self Employment Uttarakhand: लाकडाउन के कारण घर लौटे प्रवासियों ने शुरू किया एलईडी लाइट प्रोजेक्ट, क्षेत्र के कई अन्य युवाओं को भी दिया है रोजगार..
लाकडाउन के कारणों दिल्ली समेत दूसरे राज्यों से घर लौटे प्रवासी अब स्वरोजगार (Self Employment Uttarakhand) की अलख जगाकर आत्मनिर्भरता की ओर अपने कदम बढ़ा रहे हैं। आज हम आपको राज्य के ऐसे ही दो स्वरोजगारी युवाओं से रूबरू करा रहे हैं जिन्होंने गांव लौटने के बाद न सिर्फ एलईडी लाइट प्रोजेक्ट शुरू कर सरकार के आत्मनिर्भर के सपने को साकार करने की राह पकड़ी है बल्कि क्षेत्र के कई अन्य युवाओं को भी रोजगार दिया है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले दिनेश शर्मा और गोविंद सिंह की, जो इन दिनों गांव में रहकर ही एलईडी बल्ब बना रहे हैं। इन दोनों युवाओं के स्वरोजगार की ओर बढ़ते कदम देखकर न सिर्फ राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इन्हें बधाई दी है बल्कि इन दोनों को स्वरोजगार का प्रेरणास्रोत भी बताया है। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर यह भी बताया है कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से सरकार की सहायता से 150 से अधिक स्वरोजगार के कार्यों को शुरू किया जा सकता है।
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राज्य के मुख्यमंत्री ने बताया दोनों युवकों को स्वरोजगार का प्रेरणास्रोत, बधाई देकर की शुरू किए गए स्वरोजगार की सराहना:-
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया विकासखंड के ग्राम पंचायत पटलगांव निवासी दिनेश शर्मा और गोविंद सिंह दिल्ली में नौकरी करते थे। कोरोना वायरस के कारण घोषित हुए देशव्यापी लाकडाउन के दौरान ये दोनों भी राज्य के अधिकांश प्रवासी युवाओं की तरह अपने गांव लौट आए। गांव आने के बाद इन दोनों युवकों ने निश्चय कर लिया कि अब तो गांव में रहकर ही कुछ करना पड़ेगा। काफी सोच-विचार कर दोनों ने गांव में रहकर एलईडी बल्ब बनाने का निश्चय किया और देखते ही देखते इन दोनों युवकों ने अपना एलईडी लाइट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया। बाजार में मांग बढ़ने पर दोनों युवकों ने न सिर्फ अच्छी कमाई की बल्कि क्षेत्र के कुछ अन्य युवाओं को भी रोजगार दिया। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दोनों युवकों के इस सराहनीय कार्य की निगरानी सिर्फ सराहना की है बल्कि राज्य के अन्य युवाओं से भी इनसे प्रेरित होकर स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाने का आह्वान किया है।
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