Uttarakhand anganwadi appointment letters : प्रदेश में रोजगार के लिए लगी होड़, B.Tech B.Ed पीएचडी डिग्री धारक बनी आंगनबाड़ी सहायिका, रेखा आर्या ने सौंपे नियुक्ति पत्र…
Uttarakhand anganwadi appointment letters : उत्तराखंड में रोजगार की क्या स्थिति है इससे सभी लोग अच्छे से परिचित है खासकर वो लोग जिनके बच्चे रोजगार की तलाश में अक्सर शहरों की ओर रुख करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बड़ी-बड़ी डिग्रियां हासिल करने वाले बच्चे भी आजकल रोजगार की तलाश में शहरो मे धक्के खा रहे हैं। ऐसी कुछ खबर नैनीताल जिले के हल्द्वानी से सामने आ रही है जहां पर बीटेक B.Ed मास्टर डिग्री और पीएचडी धारक महिलाएं भी आंगनबाड़ी वर्कर और सहायिकाएं बनी है जिन्हें बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने नियुक्ति पत्र सौंपे है। नियुक्ति पत्र के साथ प्रदेश में बेरोजगारी का यह आलम अब सोशल मीडिया पर चर्चाओं का हिस्सा बन गया है।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार बीते बुधवार को नैनीताल जिले के हल्द्वानी के ब्लाक कार्यक्रम में करीब 300 आंगनवाड़ी सहायिका और वर्करों को बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने नियुक्ति पत्र वितरित कर महिलाओं को अपने हाथों से नव नियुक्ति आंगनबाड़ी सहायिका और वर्करो को नियुक्ति पत्र सौंपा । हैरानी की बात तो यह है कि नियुक्ति पाने वालों में से ज्यादातर महिलाएं ऐसी है जिन्होंने साइंस आर्ट्स जैसे विशेष विषयो से बड़ी डिग्रियां हासिल की हुई है लेकिन सिर्फ 8000 रुपए प्रति माह के मानदेय वाले पद के लिए MA बीटेक तक की डिग्रियां धूल फांक रही हैं।
किसी के पास एमएससी बॉटनी की डिग्री कोई कंप्यूटर साइंस डिग्री धारक ( Uttarakhand anganwadi appointment letters)
उमा कोरंगा को आंगनवाड़ी सहायिका के पद पर नव नियुक्ति मिली है जिस पर उन्होंने कहा कि मैंने बॉटनी से एमएससी किया है और अब मैं आंगनबाड़ी सहायिका बनी हूं जिस पर मुझे बेहद खुशी हो रही है वहीं दूसरी ओर पूनम आर्या ने कंप्यूटर साइंस से एमएससी किया है जिस पर उन्होंने कहा कि मैंने आंगनवाड़ी में कार्य करने के लिए आवेदन किया था और वह भी नियुक्ति पाकर बेहद खुश हैं।
आंगनबाड़ी के लिए इंटरमीडिएट की थी अर्हता लेकिन कई डिग्री धारक महिलाओं ने किया था आवेदन ( Uttarakhand anganwadi appointment letters)
बताते चलें बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी के पद पर न्यूनतम अर्हता मात्र इंटरमीडिएट रखी थी लेकिन आवेदकों की शैक्षिक योग्यता ने हर किसी को चौंका दिया है। यहाँ तक की पीएचडी धारक ने भी आंगनबाड़ी के लिए आवेदन किया था। रेखा आर्य ने कहा कि डिजिटल दौर में अब आंगनबाड़ी को भी डिजिटल किया जा रहा है जिसमें नियुक्ति में बड़ी संख्या में बीएससी पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी महिलाएं पहली बार इस क्षेत्र में आई हैं ऐसे में उन्हें बच्चों की सेवा करने का मौका मिलेगा जिसका लाभ बच्चे आसानी से उठा सकेंगे ।
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