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alt="army recruit tarun Singh died in Kumaon regiment center ranikhet"

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उत्तराखंड: कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर में ट्रेनिंग के दौरान रिक्रूट की मौत, परिजनों में मचा कोहराम

कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर (Kumaon regiment center ranikhet) में ट्रेनिंग के दौरान रिक्रूट तरूण सिंह का आकस्मिक निधन, परिवार में कोहराम, अभी मात्र 19 साल का था तरूण..

राज्य के अल्मोड़ा जिले से एक दुखद खबर आ रही है जहां कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर (Kumaon regiment center ranikhet) में ट्रेनिंग के दौरान तबीयत बिगड़ जाने से एक रिक्रूट तरूण सिंह भैंसोड़ा की मौत हो गई। परिवार के इकलौते बेटे की अकस्मात मौत की खबर से जहां परिजनों में कोहराम मच गया वहीं पूरे क्षेत्र में शोक की लहर छा गई। बताया गया है कि तरूण इसी साल फरवरी में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। बेटे को सेना की वर्दी में देखने का सपना संजोए तरूण के परिजनों ने जैसे ही उसके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटे देखा तो घर में कोहराम मच गया। पार्थिव शरीर को देखकर जहां तरूण की मां तारादेवी गश खाकर गिर पड़ी वहीं घर के इकलौते चिराग के चले जाने से पिता प्रकाश सिंह भी बुरी तरह टूट गए। गमहीन माहौल में तरूण का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ रामगंगा और सरयू के पवित्र तट पर किया गया। जहां तरुण के चाचा रमेश सिंह भैसोड़ा ने उसकी चिता को मुखाग्नि दी। तरूण अभी मात्र 19 साल का था।
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क्षण भर में टूट ग‌ए किसान पिता के सपने, बीते 27 जुलाई से शुरू हुआ था तरूण का प्रशिक्षण:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के अल्मोड़ा जिले के भनोली तहसील के चमतोला गांव निवासी तरूण सिंह भैंसोड़ा उर्फ त्रिलोक बीते फरवरी महीने में सेना में भर्ती हुआ था। बीते 27 जुलाई से उसकी कुमाऊं रेजिमेंट मुख्यालय (केआरसी) रानीखेत में ट्रेनिंग शुरू हुई थी। बताया गया है कि बीते सोमवार को ट्रेनिंग के दौरान उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई जिस पर सेना के अधिकारी उसे सैन्य अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उपचार के दौरान तरूण ने दम तोड दिया। नागरिक चिकित्सालय रानीखेत में पोस्टमार्टम कराने के उपरांत जैसे ही सेना के अधिकारी तरूण के पार्थिव शरीर को लेकर उसके घर पहुंचे तो परिवार में कोहराम मच गया। बताते चलें कि तरूण के पिता प्रकाश सिंह भैंसोड़ा एक किसान है। उन्होंने ही मेहनत मजदूरी करके बेटे के सेना में भर्ती होने का सपना देखा था। तरूण ने भी बीते फरवरी में बनबसा में आयोजित सेना रैली में पहले ही प्रयास में भर्ती होकर अपने पिता का सपना पूरा किया था। लेकिन इस दुखद हादसे से परिजनों के सारे सपनों को चकनाचूर कर दिया।

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