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चम्पावत

उत्तराखण्ड की बेटी काजल पांडे भारतीय वायुसेना में बनी पायलट, पिता को किया पहला सेल्यूट



आज उत्तराखंड की बेटियाँ अपने बुलंद होसलो से फलक पर जा पहुंची है, कोई खेल जगत में तो कोई वैज्ञानिक और कोई भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रही है। ऐसे ही उत्तराखण्ड की एक होनहार , बेटी है काजल पांडे जिन्होंने भारतीय वायुसेना में पायलट बनकर पुरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है। हैदराबाद स्थित एयरफोर्स अकादमी में 15 दिसंबर को हुई पासिंग आउट परेड सेरेमनी में उत्तराखण्ड से जहाँ काजल पांडे वायुसेना में पायलट बनी वही श्रीनगर गढ़वाल के गौरव चौधरी ने भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त की, और गौरव अब उड़ान अधिकारी बनकर वायुसेना में अपनी सेवा देंगे। काजल पांडे मूलरूप से चम्पावत जिले की है, और वर्तमान में उनका परिवार बरैली में रहता है।




बता दे की सिकंदराबाद (हैदराबाद) स्थित एयरफोर्स अकादमी में 15 दिसंबर को हुई पासिंग आउट परेड की अंतिम पग में जहाँ देश से  तीन महिला पायलट निकली वही उत्तराखण्ड के चम्पावत जिले की काजल पांडे अंतिम पग पार करते ही एयर फोर्स में पायलट बन गई। मूलरूप से चम्पावत जिले के कनल गांव निवासी काजल ने अहमदाबाद के केवी स्कूल से इंटरमीडिएट किया। 2017 में एआईटी कालेज पूना से कंप्यूटर साइंस में बी टेक किया। आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक करने के बाद एयर फोर्सेज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की परीक्षा पास की। इसके बाद पायलट का प्रशिक्षण शुरू किया, जो 15 दिसंबर को पूरा हुआ। वर्तमान में उनका परिवार बरेली कैंट में रहता है। इसके साथ ही काजल बचपन में अल्मोड़ा में अपने मौसा एसएसजे परिसर के प्रो. एनडी कांडपाल और मौसी डॉ. जया कांडपाल के घर में रही हैं।
कहते है “ जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है,
मेरे इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है,
अभी तो तोलि है मुट्ठी भर ज़मी हमने,
अभी तो तोलना सारा आसमां बाकी है” जी हाँ ऐसे ही कुछ बुलंद इरादे पहाड़ की ये होनहार बेटी के भी थे, जिनको आसमान में उड़ान भरने का बहुत जूनून था, बचपन से ही इच्छा थी की वायुसेना के क्षेत्र में कार्य करू और बचपन में  ही वायुयान का पायलट बनने का संकल्प ले लिया था। आज अपने कठिन परिश्रम के बाद उनका यह सपना भी साकार हो गया।




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पिता कर्नल विद्या सागर के नक्शेकदम पर चली बेटी : काजल के जिंदगी में सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत उनके पिता विद्यासागर पांडे है, जो थलसेना में कर्नल हैं। वर्तमान में वह लद्दाख में सेवारत हैं। उनकी मां मीना पांडेय बरेली में ही शिक्षिका हैं। काजल की छोटी बहन पूजा पांडे नेशनल लॉ विश्वविद्यालय लखनऊ से एलएलबी कर रही हैं। आर्मी परिवार के माहौल में पली-बढ़ीं काजल बचपन से ही सेना में अफसर बनना चाहती थीं। पिता कर्नल विद्या सागर पांडेय ने भी बेटी को प्रेरित किया और उन्होंने अपना लक्ष्य प्राप्त कर अपने माता पिता को ये गौरवन्वित पल दिया है। पिता का ह्रदय तो तब गदगद हो उठा जब अफसर बेटी ने पिता कर्नल विद्या सागर को पासिंग आउट परेड में सेल्यूट किया। बेटी की इस उपलब्धि से कर्नल विद्या सागर का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। कर्नल विद्या सागर कहते है कि “यह मेरे लिए सबसे गर्व की बात है, की अब मेरी बेटी भी देश की रक्षा करने के लिए तैयार है”।  सबसे खाश बात तो ये है की हैदराबाद स्थित एयरफोर्स अकादमी में 15 दिसंबर को हुई पासिंग आउट परेड सेरेमनी में थल सेना अध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने काजल को विंग्स प्रदान किए।




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