सियाचिन में तिरंगा लहराने वाले 4 कुमाऊं के पूर्व सैनिक धन सिंह नेगी का आकस्मिक निधन
एक नजर सियाचिन ऑपरेशन मेघदूत- ऑपरेशन मेघदूत आज से 34 साल पहले 13 अप्रैल को लॉन्च किया गया था। भारतीय सेना के इस बहुत महत्वपूर्ण ऑपरेशन को शौर्य और पराक्रम की मिसाल के तौर पर देखा जाता है। 1984 में सियाचिन ग्लैशियर को फतह करने के उद्देश्य से इस ऑपरेशन को लॉन्च किया गया था। सेना का यह ऑपरेशन इस लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि पहली बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर फतह करने के लिए यह ऑपरेशन किया गया था। सेना की इस कार्रवाई का नतीजा रहा कि पूरे सियाचिन ग्लैशियर पर भारत का कब्जा हुआ और सबसे ऊंची चोटी पर भी तिरंगा लहराने लगा।सियाचिन दो विवादित सीमाओं चीन और पाकिस्तान के बीच में स्थित है। भारत के उत्तर पश्चिम के काराकोरम रेंज में यह बहुत महत्वपूर्ण ग्लैशियर है।
जम्मू-कश्मीर में सियाचिन ग्लैशियर 76.4 किमी. की लंबाई और लगभद 10 हजार स्कवॉयर किमी. के सुनसान निर्जन इलाके को कवर करता है। 1974 में पाकिस्तान की तरफ से इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ग्लैशियर पर कब्जे के लिए कुछ हरकतें शुरू हो गई थी। 1983 आते-आते भारत ने यह महसूस किया कि सियाचिन पर भारत को पैनी नजर बनाए रखनी होगी। अंत में भारत ने सियाचिन में अपना तिरंगा लहरा के इतिहास में अपनी विजय दर्ज की।
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