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Uttarakhand folksinger sangeeta dhoundiyal song ramjhama released

SANGEETA DHOUNDIYAL

लोकगायिका संगीता ढौंडियाल का बेहद खूबसूरत पहाड़ी गीत रमझमा रिलीज होते ही छा गया

लोगों को पहाड़ की खूबसूरती और संस्कृति को बता उत्तराखण्ड आने का आमंत्रण देता है लोकगायिका संगीता ढौंढियाल (Sangeeta Dhoundiyal) का यह नया गीत रमझमा(Ramjhama)..

अपने पारम्परिक लोकगीतों से उत्तराखंड संगीत जगत में विशेष पहचान रखने वाली सुप्रसिद्ध लोकगायिका संगीता ढौंढियाल (Sangeeta Dhoundiyal) संगीत प्रेमियों के लिए एक और खूबसूरत लोकगीत रमझमा (Ramjhama) लेकर आई है। दीपावली के अवसर पर तीन दिन पूर्व रिलीज हुए संगीता के इस नए गीत रमझमा का लोकार्पण उत्तराखण्ड पुलिस के डीजीपी अनिल रतूड़ी ने किया। इस दौरान उन्होंने संगीता के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संगीता का यह गीत न केवल पहाड़ की गौरवशाली संस्कृति और परम्पराओं को आगे बढ़ाएगा बल्कि लोगों को उत्तराखंड आने के लिए प्रोत्साहित भी करेगा। बता दें कि संगीता अपने इस नए गीत के माध्यम से पहाड़ की खूबसूरत वादियों, परम्पराओं, तीज-त्योहारों, संस्कृति आदि का वर्णन करते हुए लोगों को पहाड़ आने का आमंत्रण दे रही है। गीत की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डीजे गीतों से कहीं दूर इस पारम्परिक गीत को अभी तक पन्द्रह हजार से अधिक लोग देख चुके हैं।
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देवभूमि दर्शन से खास बातचीत:-

देवभूमि दर्शन से खास बातचीत में लोकगायिका संगीता ढौंढियाल ने बताया कि उन्होंने अपने इस नए गीत ‘रमझमा‘ को एक आह्वान गीत के रूप में प्रस्तुत किया है जो लोगों को उत्तराखंड के सुंदर पर्वतीय क्षेत्र में आने का आमंत्रण देता है। सबसे खास बात तो यह है कि संगीता के इस नए गीत में देवभूमि उत्तराखंड की तीनों क्षेत्रों कुमाऊं, गढ़वाल और जौनसार बावर की बोली-भाषाए, लोक परम्पराओं, तीज-त्योहारों के साथ वेशभूषा और खान-पान का समावेश है। गीत में संगीता पहाड़ की विशेषताएं बताते हुए कहती हैं कि सुंदर बुरांश के फूल, कोयल की मीठी कूक, चारों ओर हर्षोल्लास का माहौल, घुघुती की घुर-घुराहट पहाड़ की खूबसूरती में चार-चांद लगा देता है। इतना ही नहीं पर्यटकों को उत्तराखंड आने के लिए आकर्षित करते हुए गीत में बताया गया है कि यहां फूलों की घाटी, ठंडा पानी, देवी-देवताओं के बद्रीनाथ केदारनाथ जैसे धाम, अनेक लोकनृत्य/लोकगीत यथा- न्यौली, छपेली, रासो, मण्डार, बाजूबंद, भगनौल आदि भी है। गीत को जहां रंजीत सिंह ने सुंदर संगीत दिया है वहीं पारम्परिक वेशभूषा के बीच सैंडी गुसाईं और सतीश आर्या की बेहतरीन कोरियोग्राफी वीडियो को और अधिक आकर्षक बनाती है।

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