उत्तराखंड सरकार(Uttarakhand) ने फेस्टिवल सीजन में दी राज्यवासियों को धार्मिक आयोजनों की सशर्त मंजूरी, रामलीला(Ramleela) और दशहरे(Dussehra) के लिए जारी हुई गाइडलाइंस
कोरोनाकाल में लगे लॉकडाउन से जहा आम जीवन अवव्यवस्थित हुआ है, वही देश मे होने वाले कई त्यौहार व मेले भी कोरोना की भेंट चढ़ गये हैं। अब धीरे-धीरे अनलाक मे छूट मिलने के साथ ही सभी व्यवस्थाएँ पटरी पर आ रही है हालाँकि कोरोना महामारी के चलते अभी भी कई नियमों का पालन करना जरूरी है। यह सर्वविदित है कि अक्टूबर से दिसम्बर माह तक देश मे त्यौहारो का सीज़न शुरू हो जाता है। जिसको देखते हुए, प्रदेश सरकार(Uttarakhand) ने नवरात्रि, रामलीला(Ramleela), दशहरा(Dussehra), दीपावली ईद, क्रिसमस आदि पर्वों के आयोजन को कुछ शर्तों के साथ मंज़ूरी दे दी है। प्रदेश सरकार ने बीते शुक्रवार को इस सम्बन्ध मे एसओपी भी जारी कर दी है। जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि इस दौरान होने वाले आयोजनो में अधिकतम 200 लोग शामिल हो सकते हैं। इसके आयोजकों को मास्क, थर्मल स्कैनिंग, सैनिटाइजेशन तथा दो गज दूरी का सख़्ती से पालन कराना होगा। प्रशासन के साथ ही आयोजकों को भी एसओपी के तहत इसकी विस्तृत कार्ययोजना बनानी होगी। हालांकि कंटेनमेंट ज़ोन मे पूर्व की ही भाँति प्रतिबन्ध जारी रहेंगे।
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प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई एसओपी के दस प्रमुख बिंदु:-
1) सरकार द्वारा जारी एसओपी में अधिकतम 200 लोगों को कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति दी गई है। इस दौरान सभी को सामाजिक दूरी का पालन करना होगा साथ ही आयोजकों को लंबी रैलियों में एंबुलेंस की व्यवस्था भी करनी होगी।
2) एसओपी के अनुसार कंटेंनमेंट जोन में कोई भी जुलूस या धार्मिक सभा का आयोजन नहीं किया जाएगा।
3) आयोजकों का यह पहला कर्तव्य होगा कि वे गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों, 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गो, गर्भवती महिलाओं तथा 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर पर ही रहने की सलाह दें।
4) आयोजकों को अधिक भीड़ वाले पर्व, त्योहार आदि के लिए सामाजिक दूरी का नियम ध्यान में रखते हुए भीड़ का प्रबंधन करना होगा।
5) किसी भी आयोजन या त्योहार के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर मास्क, थर्मल स्कैनिग तथा सेनेटाइजेशन आदि नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
6) प्रशासन द्वारा इसके लिए साइट प्लान भी बनाया जाएगा जिसमें सरकार की गाइड लाइन का अनिवार्य रूप से पालन किया जाएगा।
7)अधिक दिन तक चलने वाले कार्यक्रम जैसे दुर्गा पूजा, रामलीला, मेले, प्रदर्शनियो में सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना होगा। इस दौरान लोगों को सीमित संख्या में प्रवेश देने पर भी विचार किया जा सकता है।
8) नाटक आदि के मंचन के लिए सिनेमा और थिएटर के लिए जारी गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा।
9) रैलियों तथा धार्मिक जुलूस के लिए पहले ही रूट प्लान तथा शामिल होने वाले लोगों की संख्या, विसर्जन की जगह आदि पहले से तय करनी होगी।
10) रामलीला, दुर्गा पूजा, दशहरा सहित अन्य आयोजनों के लिए कोरोना को देखते हुए पहले ही तैयारी करनी होगी, सारे पक्षों से बात कर विस्तृत योजना बनानी होगी।
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आयोजनकर्ताओं की भी होगी जिम्मेदारी:-
1) आयोजन स्थल को बार-बार सैनिटाइजिंग करने तथा सामाजिक दूरी बनाए रखने के साथ ही स्टाफ के लिए मास्क आदि की व्यवस्था आयोजकों को ही करनी होगी।
2) सामाजिक दूरी के पालन के लिए टिकट काउंटर और कैशलेस भुगतान की व्यवस्था करनी होगी।
3) आयोजन स्थल पर कोरोना संक्रमण से रोकथाम के उपाय बताने वाले पोस्टर, बैनर आदि लगाए जाएंगे।
4) पर्याप्त संख्या में लोगों के प्रवेश और निकासी की भी व्यवस्था करनी होगी।
5) आयोजन स्थल पर एक कमरा अलग से चिन्हित करना होगा जहां किसी लक्षण वाले व्यक्ति को क्वारंटीन में किया जा सके।
6) धार्मिक स्थलों में प्रतिमा, पवित्र किताबों आदि को छूने की मनाही होगी। इस दौरान जहां तक संभव हो सके रिकॉर्ड किए हुए गाने सुनाए जाएं और समूह गान आदि से बचा जाए।
10) सामुदायिक किचन लंगर आदि में भी सामाजिक दूरी का पालन करना होगा
11 स्थलों में खाना बनाते समय संक्रमण के प्रति अधिकतम सावधानी का पालन करना होगा।