उत्तराखण्ड के बेटे लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन एशिया जूनियर चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीत कर रच दिया नया कीर्तिमान
India’s new Golden Boy!@lakshya_sen enter record books,ending a wait of 53 years to win a gold in the men’s singles event at the Asian Junior Championship with a flawless performance; beats World No1 K.Vitidsarn 21-19,21-18 to secure his biggest ever career medal #IndiaontheRise pic.twitter.com/xwRxMT6wP1
— BAI Media (@BAI_Media) July 22, 2018
पिता की देखरेख में लक्ष्य ने सीखी बैडमिंटन की बारीकियां- बता दे की लक्ष्य के पिता डीके सेन बैडमिंटन के जाने-माने कोच हैं। और वर्तमान में प्रकाश पादुकोण अकादमी से जुड़े हैं। अपने पिता की देखरेख में लक्ष्य ने बचपन से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया और वह मात्र चार साल की उम्र में स्टेडियम जाने लगे। लक्ष्य सेन के पिता के साथ साथ दादा सीएल सेन भी बैडमिंटन के उस्ताद है उन्हें अल्मोड़ा में बैडमिंटन का भीष्म पितामह कहा जाता है। उन्होंने कुछ दशक पहले अल्मोड़ा में बैडमिंटन की शुरुआत की। उनकी इस उपलब्धि से आज पुरे उत्तराखण्ड के नाम का परचम पूरे विश्व में लहराया है।