uttarakhand: स्वेच्छा से दान किए प्रधानमंत्री केयर फंड में एक लाख रुपए, चारों तरफ हो रही सराहना..
कोरोना महामारी रूपी इस संकट में देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए हर कोई आगे आ रहा है। देशवासियों की इसी भावना को जानकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों प्रधानमंत्री केयर फंड की शुरुआत की थी। जिसमें प्रत्येक देशवासी स्वेच्छा से दान दें सकते हैं। इस फंड की घोषणा के बाद हर कोई अपनी सामर्थ्य अनुसार दान दें रहा है तो देवभूमि उत्तराखंड के वाशिंदे कैसे पीछे रह सकते हैं। आज हम आपको राज्य की एक ऐसी ही बुजुर्ग महिला से रूबरू करा रहे हैं जिसने अपनी मेहनत की कमाई से एक लाख रुपए प्रधानमंत्री केयर फंड में दान दिए हैं। जी हां.. हम बात कर रहे हैं राज्य के चमोली जिले के गौचर निवासी 85 वर्षीय शांति देवी गुसाईं की, जिन्होंने कोरोना रूपी संकट से देश को बचाने के लिए आज एक लाख रुपए प्रधानमंत्री केयर फंड में दान देकर न सिर्फ अपना बल्कि समूचे राज्य का नाम रोशन किया है। बता दें कि इससे पहले गौचर की ही एक वृद्ध महिला देवकी भण्डारी भी दस लाख रुपए प्रधानमंत्री केयर फंड में दान दें चुकी है, जिसकी सराहना खुद देश के राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद ने भी की थी।
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शांति देवी के स्व• पति रह चुके हैं गढ़वाल राइफल्स में सूबेदार:- प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के चमोली जिले के गौचर निवासी 85 वर्षीय शांति देवी गुसाई ने एक लाख रुपए प्रधानमंत्री केयर फंड में दान कर दिए हैं। उन्होंने यह धनराशि बीते शुक्रवार को भारतीय स्टेट बैंक की गौचर शाखा से प्रधानमंत्री केयर फंड में दान की। बता दें कि वृद्ध महिला शांति, स्व• महिपाल सिंह गोसाईं की पत्नी हैं, जो खुद 3-गढ़वाल राइफल्स के एक सेवानिवृत्त सूबेदार थे। प्रधानमंत्री केयर फंड में इतनी बड़ी धनराशि दान देने वाली वीरांगना शांति देवी का कहना है कि उनके पति ने अपना पूरा जीवन देश-सेवा में समर्पित किया है, आज जब वह जीवित नहीं है तो मेरा भी यह फर्ज बनता है कि इस मुश्किल हालात में देश की कुछ मदद करूं। इतना ही नहीं वह कहती हैं कि ये मेरी खुशकिस्मती है कि मैं देश को कुछ दे पाई। शांति देवी के अभूतपूर्व कार्य की चर्चा आज गौचर ही नहीं अपितु पूरे जिले में हो रही है। क्षेत्रवासियों ने शांति के इस कार्य की सराहना की है, उनका कहना है कि देवकी भंडारी की तरह ही शांति देवी ने भी हमारे क्षेत्र और जिले के साथ ही समस्त राज्य को गौरवान्वित किया है। उनका यह प्रयास राज्य ही नहीं वरन देश अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगा।
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