Uttarakhand panchayat latest news : 4 जून को पंचायत चुनाव पर हो सकता है बड़ा फैसला, कैबिनेट बैठक में होगा मंथन..
Uttarakhand panchayat news 2025 : उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं हुई है इसके साथ ही प्रशासकों का कार्यकाल भी अब समाप्त हो चुका है लेकिन चुनाव की तारीखों का ऐलान तक नही हो पाया है जिसके कारण चुनाव फिलहाल अधर में लटके हुए हैं। इस बीच पंचायत चुनाव को लेकर आगामी 4 जून को धामी की कैबिनेट बैठक होनी है जिसमें पंचायत चुनाव को लेकर मंथन किया जाएगा। बताते चले पंचायती राज विभाग से जानकारी के मुताबिक ओबीसी आरक्षण को राजभवन में मंजूरी मिल गई है वहीं अब विभाग ने पंचायत का ओबीसी आरक्षण भी लगभग तय कर लिया है जो 4 जून को कैबिनेट के सम्मुख रखा जाएगा। फिलहाल चुनाव को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है जिसे नैनीताल हाई कोर्ट में शपथ पत्र में दाखिल किया गया था।
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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकि 12 जिलो के पंचायतो मे तैनात प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पंचायत मुख्य विहीन हो चुकी है हालांकि अभी तक चुनाव को लेकर स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई है। दरअसल नवंबर 2024 में पंचायतो का कार्यकाल समाप्त हो चुका था लेकिन चुनाव ना हो पाने के कारण पंचायतो को प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था वहीं 28 नवंबर को ग्राम पंचायत और 30 नवंबर को क्षेत्र पंचायत समेत 1 जून को जिला पंचायत में प्रशासकों का कार्यकाल भी समाप्त हो गया है और अभी तक पंचायत चुनाव की तिथि की कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब पंचायत में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है जिसे दूर करने के लिए कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है। आपको जानकारी देते चले सरकार ने पंचायतो के प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाये जाने को लेकर पंचायती राज अधिनियम में संशोधन अध्यादेश राजभवन भेजा है। ऐसे में उत्तराखंड शासन को राजभवन से अध्यादेश पर अनुमति मिलने का इंतजार है जिसके बाद प्रशासकों के कार्यकाल को अगले 6 महीने तक बढ़ाए जाने की उम्मीद है । वही उत्तराखंड शासन ने नैनीताल हाईकोर्ट में शपथ पत्र दाखिल करते हुए कहा था कि 15 जुलाई तक हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी 12 जिलों में पंचायत चुनाव कर दिए जाएंगे।
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पंचायती राज एक्ट में संशोधन के अध्यादेश को नहीं मिली मंजूरी, राज भवन ने ठुकराया प्रस्ताव ( Uttarakhand panchayat election 2025)
त्रिस्तरीय पंचायतो में प्रशासको का 6 महीने का कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रशासकों की दोबारा से नियुक्ति के लिए पंचायती राज विभाग ने आनन फानन मे प्रस्ताव तैयार करते हुए विधायकी विभाग को भेजा जहां अध्यादेश एक बार वापस आ गया था वही उसे फिर से इस रूप में नहीं लाया जाएगा संविधान के मुताबिक सरकार द्वारा एक ही प्रकार का अध्यादेश दो बार नहीं लाया जा सकता। वर्ष 2021 में हरिद्वार पंचायती चुनाव के दौरान सरकार इस अध्यादेश को ला चुकी है, इसी की टिप्पणी विधि विभाग द्वारा राजभवन को भेजें वर्तमान अध्यादेश में की थी। जिस पर परीक्षणोपरांत राजभवन ने ये अध्यादेश वापस लौटा दिया है। जिसके कारण 10760 पंचायतें अब खाली रहेंगी । प्रदेश में हरिद्वार की 318 ग्राम पंचायतों को छोड़कर 7478 ग्राम पंचायतें, 2941 क्षेत्र पंचायतें और 341 जिला पंचायतें मुखिया विहीन हो गई हैं।
विधानसभा का विशेष सत्र ही पंचायती एक्ट में संशोधन का एकमात्र रास्ता ( Uttarakhand panchayat latest update)
उत्तराखंड की त्रिस्तरीय पंचायतो में प्रशासकों की पुनर्नियुक्ति संबंधी अध्यादेश को राजभवन से बिना मंजूरी के लौटा दिया गया है ऐसे में अब विधानसभा का विशेष सत्र ही पंचायती राज एक्ट संशोधन में एकमात्र रास्ता बचता है। दरअसल एक्ट को मंजूरी न मिलने के कारण कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ चुका है। यदि पंचायत में जब चुनाव नहीं करने थे तो प्रशासकों की दोबारा नियुक्ति के लिए परीक्षण के बाद अध्यादेश को अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा जाना चाहिए था लेकिन समय रहते इस दिशा में कुछ ना कर अंतिम समय में अध्यादेश को राज भवन भेजा गया जिसे ठुकरा दिया गया है क्योंकि पंचायत में केवल 6 महीने के लिए ही प्रशासक नियुक्त करने की व्यवस्था है जिनका समय पूरा हो चुका है। पंचायती राज एक्ट में संशोधन का विधायक 2021 में विधानसभा में लाया गया था मगर इसे मंजूरी नहीं मिली थी अगर उस समय इसे मंजूरी मिल जाती तो इन परिस्थितियों में दोबारा 6 माह से अनाधी अवधि के लिए पंचायत का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता था।
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