Bageshwar latest News: बाजार से चुकंदर खरीदने के बजाय खुद ही करने लगे खेती, बनाया रोजगार का जरिया, अब हो रही है अच्छी आमदनी….
किस्मत हर किसी को जीवन में कुछ कर गुजरने का एक मौका जरूर देती है। अब यह हम पर निर्भर है कि हम उस मौके पर चौका मारते हैं या फिर चूक जाते हैं। मौके पर चौका मारने की यह कहावत राज्य के बागेश्वर जिले के क्वैराली के जोगा राम पर सटीक बैठती है। जो अपनी पत्नी का स्वास्थ्य खराब होने पर गए तो चिकित्सक को दिखाने लेकिन वहां से न केवल डाक्टर द्वारा पत्नी को खून बढ़ाने के लिए चुकंदर खिलाने की सलाह लेकर लौटे बल्कि उन्होंने ज़िन्दगी द्वारा दिए गए इसी मौके पर चौका मारने की ठान ली। आम तौर पर जहां लोग इस चिकित्सकीय सलाह पर बाजार से चुकंदर खरीदकर अपने घर लाते वहीं जोगाराम ने चुकंदर के औषधीय गुणों के बारे में पता चलने पर इसकी खेती करना ही शुरु कर दिया। उनकी इसी सूझबूझ, कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है कि आज वह न केवल चुकंदर से अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहे हैं बल्कि बाजार में उनके खेतों चुकंदर की मांग भी धीरे-धीरे बढ़ रही है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के क्वैराली क्षेत्र के जोगा राम कुछ समय पूर्व तक लोक वाद्य यंत्र मशकबीन बजाकर अपने परिवार की गुजर बसर करते थे। जोगाराम के मुताबिक पिछले साल अचानक उनकी पत्नी बीमार हो गई, जांच करने पर चिकित्सकों ने उनके शरीर में खून की कमी बताते हुए पत्नी को चुकंदर का जूस पिलाने की सलाह दी। जिस पर उन्होंने बाजार से चुकंदर खरीदने की बजाय अपने घर के आगे खाली पड़े खेत में चुकंदर उगाना शुुरु कर दिया। शुरुआत में उन्होंने अपनी पत्नी के इलाज के मकसद से काफी कम मात्रा में चुकंदर उगाना शुरू किया, लेकिन फिर उन्होंने इसका अधिक मात्रा में उत्पादन शुरु कर दिया। वह जब पहली बार तैयार चुकंदर को बाजार में बेचने गए तो देखते ही देखते उनका चुकंदर अच्छे दामों में बाजार में बिक गया। जिससे उन्हें अच्छा प्रोत्साहन मिला और वह पहले से अधिक मात्रा में चुकंदर का उत्पादन करने लगे। इस संबंध में जोगाराम का कहना है कि वह केवल गोबर की खाद का प्रयोग कर चुकंदर उगाते हैं। उन्होंने बताया कि अब उनका इरादा और भी अधिक पैमाने पर चुकंदर की खेती करने का है, ताकि वह इससे अच्छी आय अर्जित कर सकें और लोगों को भी पौष्टिक एवं स्वादिष्ट चुकंदर उपलब्ध हो सके।
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