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उत्तराखण्ड :पहाड़ में गुलदार ने महिला को उतारा मौत के घाट दो दिन पूर्व बच्चे को बनाया था निवाला

Leopard: दो रोज पूर्व ढाई साल के मासूम को निवाला बनाने के बाद अब गुलदार ने गांव की ही एक वृद्ध महिला को भी मार डाला..

राज्य में वन्य जीवों और ग्रामीणों के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वन्य जीवों से संघर्ष में कितने ही ग्रामीणों को अपने प्राण गंवाने पड़े हैं तो कितने ही लोग घायल हुए हैं। ताजा‌ मामला राज्य के अल्मोड़ा जिले का है जहां एक आदमखोर गुलदार (Leopard) ने बीते बुधवार को एक बुजुर्ग महिला को अपना निवाला बना लिया। बताया गया है कि मृतक महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ थी और दोनों बेटियों की शादी के बाद से अकेले ही गांव में रहती थी। ग्रामीणों का कहना है कि मृतक वृद्ध महिला वृद्धा आनंदी पत्नी स्व. हरी राम मंगलवार देर शाम को अपने घर से अचानक गायब हो गई थी। बुधवार को काफी खोजबीन के बाद उसका क्षत-विक्षत शव घर से डेढ़ सौ मीटर दूर गधेरे में पड़ा मिला। महिला के शरीर पर गुलदार के पंजे एवं दांतों के निशान होने की बात भी ग्रामीणों द्वारा कही जा रही है। बता दें कि घटना पेटशाल क्षेत्र के डुंगरी गांव की है जहां बीते सोमवार को भी गुलदार ने ढाई वर्ष के एक मासूम बच्चे को अपना निवाला बनाया था। दो दिन के भीतर इस तरह की दूसरी घटना होने से जहां क्षेत्रवासियों में दहशत का माहौल है वहीं वन विभाग के खिलाफ आक्रोश भी व्याप्त है।
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वन विभाग ने गुलदार को किया नरभक्षी घोषित, गांव में पिंजरे भी लगाएं, अधिकारी बोले पकड़ में ना आने पर बुलाया जाएगा शिकारियों को, होंगे गोली मारने के आदेश:-

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना ब्लॉक के डुगरी-पेटशाल क्षेत्र के उडल तोक में एक ढाई वर्षीय मासूम बच्चे हर्षित मेहता को अपना निवाला बनाने के बाद अब गुलदार ने गांव की ही एक वृद्ध महिला आनंदी पत्नी स्व. हरी राम को मार डाला है। महिला का अधखाया शव घर से डेढ़ सौ मीटर दूर गधेरे में पड़ा मिला। इस घटना से पहले से ही भय के साए में जी रहे ग्रामीण और भयभीत हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर वन विभाग ने गुलदार (leopard) को आदमखोर घोषित कर दिया है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वह पहले उसे ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश करेंगे। जिसके लिए गांव में पिंजरे भी लगा दिए गए हैं। अगर फिर भी गुलदार काबू में नहीं आया तो उसे गोली मारने का आदेश देंगे। जिसके बाद गांव में गुलदार को मारने के लिए शिकारियों को भी बुलाया जाएगा। ताकि इस तरह की घटनाएं दुबारा से ना हो सके। इस संबंध में भी रणनीति बना ली गई है। गांव में डीएफओ महातिम सिंह यादव की अगुवाई में विभागीय टीम ने डेरा डाल दिया है और वह लगातार गुलदार की गतिविधियों को ट्रेस करने की कोशिश कर रही है। विदित हो कि बच्चे की मौत के बाद ग्रामीणों ने उसके शव को पेटशाल-डुगरी मोटर मार्ग पर रखकर वन विभाग के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया था।

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Sunil

सुनील चंद्र खर्कवाल पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे राजनीति और खेल जगत से जुड़ी रिपोर्टिंग के साथ-साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परंपराओं पर लेखन करते हैं। उनकी लेखनी में क्षेत्रीय सरोकारों की गूंज और समसामयिक मुद्दों की गहराई देखने को मिलती है, जो पाठकों को विषय से जोड़ती है।

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