उत्तराखण्ड : इस रक्षाबंधन पर भाई – बहनों के कलाइयों पर मीनाक्षी की ऐपण राखियाँ बढ़ाएगी शोभा
Published on

उत्तराखण्ड में लोककलाओं का अपना एक विशेष महत्व रहा है, और फिर बात करे कुमाऊं मंडल की तो यहाँ की ऐपण लोककला तो आज देश विदेशो तक पहुंच चुकी है और इसका श्रेय जाता है उत्तराखण्ड के उन सभी युवा कलाकारों को जो अपने हुनर से पहाड़ की लोक संस्कृति को संजोये हुए है। इन्ही युवाओ में एक और नाम जुड़ चूका है, नैनीताल जिले के रामनगर की मीनाक्षी खाती (Meenakshi Khati) का जी हां हम बात कर रहे है कुमाउँनी ऐपण गर्ल के नाम से विख्यात मीनाक्षी खाती की। जो आजकल सोशल मीडिया में अपने ऐपण प्रोजेक्ट से बेहद सुर्खियों में है वैसे तो कुमाऊं मंडल में हर किसी शुभ और मांगलिक कार्यक्रमों में ऐपण को विशेष स्थान दिया जाता है। ऐपण अर्थात ” लाल मिटटी (गेरू) और पिसे चावल के द्रव (बिस्वार) रूपी मिश्रण से बनायीं जाने वाली कलाकृति जिससे घर के दरवाजो की दहलीज , मंदिर इत्यादि को सजाया जाता है।
देवभूमि दर्शन से खाश बात चित– देवभूमि दर्शन के साथ हुए एक साक्षात्कार में मीनाक्षी बताती हैं की ऐपण की ये विधा उन्होंने अपनी दादी और मां से सीखी हैं। जब वह छोटी थी तो गांव मे दादी और मम्मी को घर और मंदिर इत्यादि में ऐपण बनाते देखा तो इसमें उन्हें भी रूचि आने लगी धीरे धीरे उन्होंने इस पर काम करना शुरू कर दिया और आज वो इस क्षेत्र में निपुण हैं। बता दे की रामनगर निवासी मिनाक्षी ने अपनी मूल शिक्षा रानीखेत और छोई से प्राप्त की और स्नातक रामनर से ही कर रही हैं जहाँ वह बीएससी द्वितीया वर्ष की छात्रा हैं।
यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड की रमा बिष्ट ने उगाया हर्बल जंगल, जड़ी बूटियों से हो रही आमदनी और दे रही रोजगार
मीनाक्षी बताती हैं की उनकी मीनाकृति टीम इस बार रक्षाबंधन पर ऐपण राखियां कोरियर से घर भेज रही हैं जी हां अब लॉकडाउन में बाजारों के चक्कर मत काटिए। क्योकि ऐपण राखियां खुद आपके घर पहुंच जाएँगी इन राखियों पर कुमाउँनी , गढ़वाली और हिंदी में ददा ,दादी ,भुला ,बैणि और भाई इत्यादि को सुन्दर रूप में उकेरा गया हैं जो बेहद आकर्षक हैं। मीनाक्षी बताती हैं की उनकी राखियों की डिमांड सिर्फ उत्तराखण्ड में ही नहीं बल्कि दिल्ली लखनऊ और विदेशो में रह रहे उत्तराखण्ड के लोगो द्वारा की जा रही हैं। आप भी मीनाकृति दा ऐपण प्रोजेक्ट से ये राखियां मंगा सकते हैं। मीनाक्षी कोरियर के माध्यम से अभी तक राज्य से बाहर एक हजार राखियाँ भेज चुकी हैं। मीनाक्षी बताती हैं कि अब उनकी योजना अगले एक सप्ताह में तीन से पांच हजार राखियाँ तैयार करने की है। मीनाक्षी की ये ऐपण कला अब स्वरोजगार को भी बढ़ावा दे रही हैं वो कहती हैं अन्य युवाओं को भी ये लोक कला प्रशिक्षण के रूप में दी जा रही है।
UTTARAKHAND NEWS, UTTARAKHAND HINDI NEWS (उत्तराखण्ड समाचार) Devbhoomi Darshan site is an online news portal of Uttarakhand through which all the important events of Uttarakhand are exposed. The main objective of Devbhoomi Darshan is to highlight various problems & issues of Uttarakhand. spreading Government welfare schemes & government initiatives with people of Uttarakhand