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Uttarakhand 300 new doctor bharti 2025, 56 doctors service cancel 220 joining medical staff news today
Image : सांकेतिक फोटो ( Uttarakhand doctor medical bharti 2025)

UTTARAKHAND NEWS

Uttarakhand doctor bharti: उत्तराखण्ड 300 न‌ए डॉक्टरों की भर्ती, 56 की सेवा समाप्त

Uttarakhand doctor medical bharti 2025: प्रदेश में लंबे समय से गैर हाजिर 56 बॉन्डधारी डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त, 300 पदों पर होगी डॉक्टरों की भर्ती

Uttarakhand 300 new doctor bharti 2025, 56 doctors service cancel 220 joining medical staff news today: उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी एक बड़ी खबर राज्य सरकार की ओर से सामने आ रही है कि जल्द ही स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के 300 पदों को भरे जाने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इतना ही नहीं बल्कि लंबे समय से गैर हाजिर चल रहे 56 बॉन्डधारी डॉक्टरों की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई है। इसके अलावा निदेशक चिकित्सा शिक्षा को गैर हाजिर डॉक्टरों से बॉन्ड की शर्तों के अनुरूप वसूली करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

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अभी तक मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग में 300 पद डॉक्टरों के खाली चल रहे हैं। जिस पर विभागीय अधिकारियों को डॉक्टरों के खाली पदों का प्रस्ताव उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग में चिकित्सा अधिकारी के 220 पदों पर चयनित डॉक्टरों को दूरस्थ क्षेत्रों में तैनाती दी गई है। हालांकि अभी भी डॉक्टर के 300 पद खाली चल रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य प्रणाली तैयार करने के लिए सुदूरवर्ती क्षेत्रों की स्वास्थ्य इकाइयों को बेहतर बनाने में लगी हुई है। इतना ही नहीं बल्कि सरकार ऐसे लापरवाह कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा रही है जो अपनी जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं। सरकार ने विगत माह राजकीय मेडिकल कॉलेज से पास आउट 234 गैर हाजिर बॉन्डधारी चिकित्सकों के विरुद्ध वसूली के साथ ही उन्हें बर्खास्त करने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। जबकि 178 डॉक्टरों ने वापस विभाग में तैनाती ली है।

56 डॉक्टरों पर गिरी गाज

वहीं अंतिम चेतावनी को नजर अंदाज करने वाले 56 डॉक्टरों की सेवाएं भी समाप्त कर ली गई है। बताते चले राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक अनुबंध के तहत छात्र-छात्राओं को न्यूनतम फीस के साथ एमबीबीएस की पढ़ाई कराई जाती है जिसके तहत इन छात्र-छात्राओं को पढ़ाई पूरी करने के पश्चात पर्वतीय जिलों की चिकित्सा इकाइयों में 5 वर्षों की सेवाएं देना अनिवार्य होता है। ऐसा न करने की स्थिति में इन चिकित्सकों को बॉन्ड मे निश्चित धनराशि जमा कर विभाग से एनओसी लेनी होती है तभी इन्हें शैक्षिक प्रमाण पत्र लौटाए जाते हैं। शर्तो के हिसाब से कार्य न करने वाले डॉक्टरों से बॉन्ड वसूला जाता है।

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